- पेटिंग, स्लोगन लेखन प्रतियोगिता व नुक्कड़ नाटक का किया गया था आयोजन
- पेंटिंग में अंजू व स्लोगन लेखन में अर्चना को मिला प्रथम पुरस्कार
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। विश्व स्तनपान सप्ताह पर आयोजित प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली नर्सों को सम्मानित किया गया। शुक्रवार सदर अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित कर प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। सदर अस्पताल उपाधीक्षक व जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार के द्वारा प्रशस्ति पत्र व शिल्ड कप देकर सम्मानित किया गया। स्तनपान के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से पेंटिंग प्रतियोगिता, स्लोगन लेखन तथा नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया था। जिसमें सदर अस्पताल की नर्सों ने अपने प्रतिभा दिखायी थी। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीएनएम अंजू कुमारी, सेकेंड पुरस्कार जीएनएम हर्शा कुमारी, तृतीय पुरस्कार एएनएम निभा कुमारी को मिला। वहीं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीएनएम अर्चना कुमारी, द्वितिय पुरस्कार ज्योति कुमारी, तृतीय पुरस्कार ममता रानी को दिया गया। नाटक खेल प्रतियोगिता में सदर अस्पताल के ओटी टीम को प्रथम, एसएनसीयू टीम को द्वितिय तथा प्रसव कक्ष टीम को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इस मौके पर उपाधीक्षक डॉ. रामइकबाल प्रसाद, डॉ. अजय कुमार शर्मा, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद, केयर इंडिया के बीएम अमितेश कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
स्तनपान के प्रति महिलाओं को किया गया जागरूक:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि स्तनपान, वजन कम करने में सहायक होता है, जब माँ, अपने शिशु को स्तनपान कराती है तो उसका शरीर लगभग 450 से 500 कैलोरी खर्च करता है| इससे प्राकृतिक ढंग से वजन कम करने मे मदद मिलती है। स्तनपान ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करता है। – स्तनपान माँ और शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ते को बढ़ाता और मजबूत करता है। स्तनपान कराने वाली माँ को पोषक तत्वों से युक्त संतुलित आहार अवश्य करना चाहिए। स्तनपान कराने वाली माँ को अपने खाने का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस वक्त वह जो भी खाती है उसका असर उसके बच्चे पर पड़ता है। कुछ खाद्य पदार्थ है, जो विशेष रूप से दूध उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करते हैं, इस तरह के खाद्य पदार्थ ,गैलेकटगाग के रूप में जाने जाते हैं।
जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत कराएं:
स्तनपान से बच्चों को कई बीमारियों से बचाया जा सकता एवं उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। गौरतलब हो कि छह माह तक मां का दूध बच्चे की सभी पोषण जरूरतें पूरी करता है। स्तनपान शिशु को दस्त और श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद करता है। मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है। शिशु को निमोनिया तथा अन्य कई रोगों से बचाता है एवं शिशु को आगे जीवन में हो सकने वाले रोगों से खतरे को कम करता है। शारीरिक एवं मानसिक विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि स्तनपान मां को प्रसव पश्चात होने वाले खतरों से बचाता है। जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत एवं छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। पानी भी नहीं पीना है। दो साल तक ऊपरी आहार के साथ मां का दूध जारी रखना चाहिए। मां के दूध से ही बच्चे को पानी, विटामिन, मिनरल, कैल्शसयम एवं संपूर्ण चीजें मिल जाती हैं। इसलिए शिशु को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराएं। पानी की एक बूंद एवं कुछ भी ना पिलाएं।


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