सत्तर घाट महासेतु का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, लगभग किलामीटर दूरी हुई कम
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
गोपालगंज– बिहार के सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को गोपालगंज और चंपारण जिले की सीमा पर बने सत्तर घाट महासेतु का उदघाटन किया। 20 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा इस पुल का निर्माण किया गया है एवं 1440 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण कुल लागत 263.43 करोड़ रहा। इस महासेतु के उदघाटन होने से गोपालगंज, सारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी तथा शिवहर जिलों के करीब 40 लाख से अधिक की आबादी को फायदा होगा। इस पुल के शुरू हो जाने से तिरहुत एवं सारण प्रमंडलों की भी दूरी कम हो गई तथा यात्रा आसान हो गई। इससे व्यापारिक वृद्धि भी संभव है।
पड़ोसी देश नेपाल की भी दूरी सिमटी एवं पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
महासेतु के उदघाटन हो जाने से पड़ोसी देश नेपाल की भी दूरी कम हो गई। अब कम समय में इस पुल के जरिए नेपाल आसानी से आवागमन किया जा सकता है एवं साथ ही साथ सिवान,गोपालगंज, सारण, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का कुशीनगर,बलिया, वाराणसी आदि जिलों से भी नेपाल की दूरी में सौ किलोमीटर कमी हो गई। महासेतु के शुरू हो जाने से पर्यटन के क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटक आसानी से बोधगया से केसरिया बौद्ध स्तूप तक एवं नेपाल के जनकपुर धाम तक आसानी से जा सकेंगे।
40 लाख से अधिक आबादी को होगा सीधा फायदा
महासेतु के शुरू हो जाने से लगभग 40 लाख आबादी को सीधा फायदा मिलेगा तथा यात्रा सुगम होगी। व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह महासेतु वरदान साबित होगा एवं व्यापार में वृद्धि होगी। इस पुल के बन जाने से डुमरियाघाट पुल जो जर्जर हालत में था उसपर भी बोझ कम हो जाएगा। ज्ञात हो कि डुमरियाघाट पुल पर प्रतिदिन 25 हजार से अधिक यात्री तथा मालवाहक इस पुल का प्रयोग करते थे जो सीधे – सीधे हादसे को दावत देने जैसा था।
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