राष्ट्रनायक न्यूज

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अफगानिस्तान से भागने के बाद अशरफ गनी ने पहली बार किया राष्ट्र को संबोधित

नई दिल्ली, (एजेंसी)। अफगानिस्तान संकट के बीच देश से भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी करते हुए राष्ट्र को संबोधित किया। अशरफ गनी ने कहा कि जब तक मैं वापस नहीं आ जाता, मैं दूसरों के साथ परामर्श कर रहा हूं ताकि मैं अफगानों के लिए न्याय के लिए अपने प्रयास जारी रख सकूं। वहीं दूसरी तरफ उत्तरी बुर्किना फासो में एक संदिग्ध इस्लामी चरमपंथी ने एक काफिले पर हमला कर दिया जिसमें 17 सैनिकों और स्वयंसेवी रक्षा लड़ाकों के साथ कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गयी।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच देश से भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 4दिन बाद बुधवार को एक वीडियो संदेश के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। अशरफ गनी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि, मानवीय आधार पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने गनी और उसके परिवार को शरण दी है। अफगानिस्तान में रह रहे सभी नागरिकों को भरोसा देते हुए गनी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि, वह निकट भविष्य में अफगानिस्तान लौटेंगे। गनी ने आगे कहा, “जब तक मैं वापस नहीं आ जाता, मैं दूसरों के साथ परामर्श कर रहा हूं ताकि मैं अफगानों के लिए न्याय के लिए अपने प्रयास जारी रख सकूं।” आगे अपने संबोधन में, गनी ने आरोपों को खारिज कर दिया कि वह बड़ी रकम के साथ देश छोड़कर भाग गए है।

पेशावर में बुधवार देर रात कथित तौर पर पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने और सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने के लिए 31 अफगान शरणार्थियों को गिरफ्तार किया गया। टाउन पुलिस थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार, कुछ अफगान शरणार्थियों ने अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हयाताबाद के बाब-ए-पेशावर में विश्वविद्यालय की मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में तब तक सैनिकों को रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाता, भले ही इसके लिए 31 अगस्त के बाद भी वहां सेना मौजूद रहे। बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की थी। उन्होंने उन आलोचनाओं का भी जवाब दिया कि अमेरिका को नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और सैनिकों की वापसी के लिए और काम करना चाहिए था।

न्यूजीलैंड अब 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को कोरोना वायरस रोधी टीका लगाने की अनुमति देगा। पहले 16 और उससे अधिक आयु के लोग ही टीका लगवा सकते थे। तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के मामलों से निपटने के लिए देश में लगाए सख्त लॉकडाउन के बीच सरकार ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की। न्यूजीलैंड में छह महीनों में पहली बार संक्रमण फैला है।

उत्तरी बुर्किना फासो में एक संदिग्ध इस्लामी चरमपंथी ने बुधवार को एक काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें 17 सैनिकों और स्वयंसेवी रक्षा लड़ाकों के साथ ही कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गयी। सरकार ने यह जानकारी दी। बुर्किना फासो के सहेल क्षेत्र में हुए इस हमले की अभी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े आतंकवादी पश्चिम अफ्रीकी देश में सुरक्षाबलों पर हमले करते रहे हैं।

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