- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का दिया आदेश
- प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री प्रभारी ड्रग्स कंट्रोलर की मिलीभगत से की जा रही
पटना। राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री कैसे हो रही है। इस व्यापार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शशि रंजन सिंह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की। आवेदक के वकील श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि बिहार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के नियम 122 ई के तहत कार्रवाई करनी है। इसके बावजूद राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही है। उनका कहना था कि पूरे राज्य में केंद्र सरकार की ओर से प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री प्रभारी ड्रग्स कंट्रोलर की मिलीभगत से की जा रही है। इस मामले में मुजफ्फरपुर के सहायक औषधि नियंत्रक ने 111 फर्मों के खिलाफ अभियोजन चलाने को स्वीकृति देने के लिए गत 12 जून को पत्र भेजा था, लेकिन ड्रग्स कंट्रोलर ने अब तक स्वीकृति नहीं दी है। उनका कहना था कि ड्रग्स कंट्रोलर आॅफ इंडिया ने गत 11 फरवरी, 22 मार्च, तथा 26 अप्रैल को पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के ड्रग्स कंट्रोलर की मिलीभगत से पूरे राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री जारी है और इनके संरक्षण में ही इन सब कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। यही नहीं, कई प्रतिबंधित चीजों को दवाओं में मिलाकर बिक्री की जा रही है। कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।


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