- हमलोगों ने अपनी बात रख दी है, अब निर्णय प्रधानमंत्री को लेना है
- दस पार्टियों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से सोमवार को मुलाकात की
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में एक बार जातीय जनगणना आवश्यक है। इससे सबको लाभ होगा। यह देश हित में है। सरकार को भी पूरी जानकारी मिलेगी और सबके लिए निर्णय लेने में सहूलियत होगी। अंग्रेजों के जमाने में ही 1931 में जातीय जनगणना हुई थी। उसी के आधार पर सबकुछ मानकर चला जाता है। यह उपयुक्त नहीं है। मुख्यमंत्री मंगलवार को दिल्ली से लौटकर पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे नेतृत्व में दस पार्टियों के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से सोमवार को मुलाकात की है। 40-45 मिनट की मुलाकात में सभी नेताओं ने उनसे कहा है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए, क्योंकि इसका बहुत लाभ है। हमलोगों ने अपनी बात रख दी है, अब निर्णय प्रधानमंत्री को लेना है। वर्ष 2019 में बिहार विधानसभा और विधान परिषद द्वारा तथा वर्ष 2020 में विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को हमलोगों ने पहले ही पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री के पास भेज दिया था।
जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के सभी दल एक साथ हैं। यह बात सिर्फ बिहार से नहीं, बल्कि सभी राज्यों से उठ रही है। निर्णय लेने का हक तो प्रधानमंत्री का है, लेकिन हमलोगों ने अपनी पूरी बात उनके समक्ष विस्तृत रूप से रख दी है कि इससे क्या-क्या लाभ होगा। देश में जनगणना शुरू होनी है, उसके पहले प्रधानमंत्री जातीय जनगणना पर निर्णय लेंगे। केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट एवं सड़कों के निजीकरण को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय पर पूरी जानकारी लेने के बाद ही कोई कमेंट देंगे। यह भी कहा कि पटना एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर हमलोगों ने हर तरह से सहयोग किया है।
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