राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया (सारण)। गंडक के जल अधिग्रहण क्षेत्र व तरैया के निचले इलाके में लगातार जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ पीड़ितों की स्थिति गंभीर होते जा रही है। नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़े जाने में कमी के बाद सोमवार को गंडक नदी का जलस्तर स्थिर था लेकिन मंगलवार की सुबह से जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि होने की सूचना से बाढ़पीड़ितों की परेशानी अब और भी बढ़ गयी है। सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे गांवो के सैकड़ो घरो में अभी भी पानी घुसा हुआ है जिससे बाढ़पीड़ित अभी भी अपने बाल बच्चो व जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर है। पिछले तीन दिनों से सारण तटबंध पर शरण लिए बाढ़पीड़ितों को उम्मीद थी कि जलस्तर में कमी के बाद स्थिति में सुधार होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बाढ़पीड़ितों ने बताया कि इस वर्ष तीन बार आयी बाढ़ से ज्यादा पानी आया है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रखंड क्षेत्र में चौथी बार आयी बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को अब विषैले कीड़ो मकोड़ों एवं महामारी का भय सताने लगा है ।बाढ़पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ की दंश झेल रहे बाढ़पीड़ितों की सुधि लेने अबतक कोई नही आया है। जनप्रतिनिधि आदर्श आचार संहिता की बात कह अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। वही प्रशासनिक स्तर पर भी कोई सहायता नही मिल रही है जिससे बाढ़पीड़ितों में गुस्सा है। एक तरफ जून से अबतक हुई बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है तो दूसरी तरफ चार चार बार गंडक का जलस्तर बढ़ने से रही सही कसर भी पूरा हो गया है। लोगों के बीच त्राहिमाम की स्थिति है।
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