राष्ट्रनायक न्यूज।
बदलते मौसम में हमारे शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से हम बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। अधिकतर लोगों को बदलते मौसम में बुखार और सर्दी-जुखाम की शिकायत हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब भी किसी वायरस संक्रमण के कारण बुखार होता है जो इसे वायरल फीवर कहते हैं। मौसमी बदलाव, कमजोर शरीर, संक्रमण के कारण वायरल फीवर हो सकता है। वैसे तो यह बुखार आमतौर पर 4-6 दिन के अंदर ठीक हो जाता है लेकिन इससे होने वाली समस्याएं कई दिनों तक आपको परेशान कर सकती हैं। कई लोग वायरल फीवर के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं जिसके कारण उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे में बेहतर है कि आप वायरल फीवर को हल्के में न लें और सही समय पर इसका इलाज करें। आइए जानते हैं कि वायरल फीवर के लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए किन घरेलू नुस्खों का प्रयोग किया जा सकता है-
वायरल फीवर के लक्षण
- अचानक से तेज बुखार जो समय-समय पर आता जाता रहे
- गले में दर्द
- सिरदर्द
- जोड़ों में दर्द
- सिर का तेज गर्म होना
- खांसी
- आंखों का लाल होना और पानी आना
- चेहरे पर सूजन
- उल्टी या मतली
- बेहद थकान
- दस्त
वायरल फीवर में कारगर हैं ये घरेलू नुस्खे
वायरल फीवर में दालचीनी का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। इसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो खांसी जुकाम और गले के दर्द मेरा हाथ हो जाते हैं। इसके लिए एक कप पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर उबालें। इसके बाद पानी को छानकर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर पिएं। वायरल फीवर में हमारा इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है। ऐसे में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आप धनिया की चाय का सेवन कर सकते हैं। धनिया के बीज में एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद पायथोन्यूट्रिएंट्स हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसलिए बुखार में मरीज को धनिया के चाय दें। इसके लिए धनिया के बीज को एक गिलास पानी में डालकर रात भर के लिए छोड़ दें और सुबह इस पानी को छानकर पिएं। तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं जो वायरल फीवर को कम करने में कारगर होते हैं। इसके साथ ही लौंग भी सर्दी जुखाम और बुखार बुखार की समस्या में फायदेमंद मानी जाती है। वायरल फीवर में मरीज को तुलसी और लौंग का पानी पीने को दें। इसके लिए एक गिलास पानी में पाजी तुलसी की पत्तियां और 8 से 10 लोग की कलियों को डालकर उबालें। जब पानी आधा हो जाए तो इसे छानकर पिएं। इस पानी का सेवन दिन में तीन से चार बार करें।
प्रिया मिश्रा
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