भुवनेश्वर, (एजेंसी)। बंगाल की खाड़ी पर बने चक्रवाती तूफान के ओडिशा के दक्षिणी हिस्सों और पड़ोसी आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ने की चेतावनी के बीच ओडिशा सरकार ने शनिवार को सात जिलों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने यह चेतावनी जारी की है। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि सरकार ने बचाव दलों को संवेदनशील इलाकों में भेजा और अधिकारियों से निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकालने को कहा है।
ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल (ओडीआरएएफ) के 42 दलों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 24 दलों के साथ दमकल कर्मियों को सात जिलों गजपति, गंजम, रायगढ़, कोरापुट, मल्कानगिरी, नबरंगपुर, कंधमाल भेजा। जेना ने बताया कि गंजम के चक्रवाती तूफान से गंभीर रूप से प्रभावित होने की उम्मीद है और इलाके में 15 बचाव दलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा दमकल के 11 दलों के अलावा ओडीआरएएफ के छह दलों और एनडीआरएफ के 8 दलों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
गजपति और कोरापुट के जिला प्रशासनों ने 25 और 26 सितंबर को अवकाश रद्द कर दिए हैं। जिलाधीशों ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने-अपने मुख्यालय में रहने का निर्देश दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर और मध्य हिस्से पर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ा है। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे गहरे दबाव का क्षेत्र गोपालपुर से 510 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व और आंध्र प्रदेश में कलिंगपत्तनम से 590 किलोमीटर पूर्व में स्थित था।
आईएमडी ने कहा, ”यह 26 सितंबर की शाम तक कलिंगपत्तनम के आसपास विशाखापत्तनम और गोपालपुर के बीच उत्तर आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तटों की ओर बढ़ सकता है।” आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय मोहपात्र ने बताया कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवा चलने का अनुमान है। उन्होंने आगाह किया, ”चिन्हित जिलों में कई निचले इलाके डूब जाएंगे। ओडिशा के दक्षिणी क्षेत्र के पर्वतीय इलाकों में अचानक बाढ़ आने की आशंका है। गंजम और पुरी के शहरी इलाकों में भारी से बहुत भारी और कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण जलभराव हो सकता है।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कुछ इलाकों में नदियों के उफान पर होने, भूस्खलन आने की आशंका को लेकर आगाह किया है।
जीना ने बताया कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहे चक्रवात की तीव्रता ‘तितली’ के समान होगी। ‘तितली’ तूफान ने 2018 में राज्य में तबाही मचायी थी। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि इसके प्रभाव से शनिवार को ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान है। रविवार को भी दक्षिण ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने और कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
ओडिशा के उत्तरी अंदरुनी इलाकों, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में भी रविवार को भारी बारिश हो सकती है। इसी तरह आईएमडी ने 27 सितंबर के लिए ओडिशा और तेलंगाना के ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। साथ ही तटीय पश्चिम बंगाल के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। अगले तीन दिनों के दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश में मछुआरों को 25 से 27 सितंबर तक बंगाल की खाड़ी के पूर्वी-मध्य और उत्तरपूर्वी क्षेत्र में समुद्र में न जाने को कहा गया है।
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