रंजीत भोजपुरिया। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। मां का स्थान किसी भी व्यक्ति के जीवन में बहुत अहम होता है। यही नहीं मां और बेटे का रिश्ता भी सबसे प्यारा होता है। मां की ममता रूपी विशाल पेड़ की छाया में जब बेटा छुप कर शैतानियां करता है तो पूरी दुनिया उसे कुछ कह नहीं सकती है। लेकिन सोचिए जब वहीं पेड़ अचानक सुख जाए तो ? मगर एक बेटे ने इस आधुनिक परिवेश में भी मां की ममता रूपी छाया को फिर से अपने परिवार के साथ बनाए रखने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर फलदार पौधे लगाकर यादगार बनाने का प्रयास किया है। मंगलवार को सिवान जिले के जीरादेई प्रखंड अंतर्गत भैसाखाल गांव निवासी सह छपरा के पत्रकार धनंजय सिंह तोमर ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़े। इस उद्देश्य से किसी भी धार्मिक अवसर पर कम से कम एक पेड़ लगाकर यादगार बनाया जाएं। उन्होंने एक नई परम्परा की शुरुआत की और अपनी स्वर्गवासी मां का नाम भी रौशन किया है।
मालूम हो कि धनंजय सिंह तोमर की मां वृद्ध होने के साथ ही काफी दिनों से बीमार चल रही थी। विगत 16 सितंबर को छपरा के एक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। जिनका श्राद्धकर्म संस्कार 28 सितम्बर को सिवान जिले के जीरादेई प्रखंड अंतर्गत भैसाखाल गांव स्थित पैतृक निवास पर आयोजित किया गया। इस दौरान परिवार से जुड़े पारिवारिक सदस्यों के अलावा सिवान व छपरा के कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। वहीं सारण जिले के पत्रकार साथियों के साथ मिलकर धनंजय सिंह तोमर ने मृतात्मा की शांति के लिए सामुहिक रूप में प्रार्थना की और माँ की याद में फलदार पौधारोपण कर नई परंपरा की शुरूआत की। इस दौरान सारण जिला एनयूजेएआई के महासचिव राकेश कुमार सिंह, धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी, अनुज कुमार सिंह, रंजीत भोजपुरिया, धर्मेन्द्र कुमार राम, बनियापुर प्रखंड के मुखिया सतीश कुमार टुन्ना, राजीव कुमार सहित कई अन्य पत्रकार व समाजसेवी मौजूद थे।


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