- मांझी के प्रसिद्ध राम घाट पर स्नान के लिए उमड़ी महिलाओ भीड़
राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी (सारण)। पुत्र की दीर्घायु व मंगलकामना के लिए जिउत पुत्रिका पर्व को लेकर बुधवार को मांझी स्थित सरयू नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध राम घाट एवं विभिन्न तलाबों में स्नानधारी महिलाओ की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान व्रती महिलाओं ने सरयू नदी में स्नान कर पूजा-अर्चना की एवं पुत्र की दीर्घायु होने के लिए जीउत पुत्रिका की कथा सुनी और पुत्र की मंगलकामना की आराधना की। स्नान के बाद महिलाओ ने विभिन्न देवी देवताओं के मंदिरों में पूजा अर्चना की एवं जिउतपुत्रिका व्रत का कथा सुनी। इस व्रत को लेकर पुत्रवती महिलाओ द्वारा पूरी विधि विधान के साथ किया गया। जिउतपुत्रिका कथा का श्रवण विभिन्न स्थानों पर पंडितों द्वारा की गई। जिसमें व्रती महिलाएं शामिल हुई। जिउतपुत्रिका कथा सुनने के बाद जिउतवाहन भगवान की बनी प्रतिमा को धागा के माला को गले मे धारण किया और संतान की सलामती की दुआ मांगी। वही कई महिलाओं ने संतान के संख्या के आधार पर सोने, चांदी व धागे में बनी जिउतवाहन भगवान की प्रतिमा को गले में धारण किया। साथ ही एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की सलामती की मंगलकामना की। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से पुत्रवती महिलाओ के पुत्र दीर्घायु होते है और साथ ही महिलाओ के सौभाग्य व वंश में बढ़ोतरी होती है। इस व्रत को लेकर महिलाएं चौबीस घण्टे निर्जला व्रत रखती है। गुरुवार को व्रती महिलाएं व्रत की समाप्ति पर अपना अन्न-जल ग्रहण कर पारण करेंगी। नचाप गांव की व्रती सरोज देवी, किरण देवी, रुचि सिंह, अनु कुमारी आदि के अलावा व्रती रंजीता पाण्डेय, माधुरी पाण्डेय, बबिता देवी, सुनीता देवी, ललित देवी, प्रभा पाठक, विभा तिवारी, बेबी देवी, शिल्पी देवी आदि ने बताया कि संतान की सलामती के लिए जिउतिया सबसे उत्तम व्रत है। इस व्रत को पूरी विधि विधान एवं निष्ठा से करने से संतान पर आने वाली विपत्ति दूर हो जाती है।


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