दिल्ली, एजेंसी। कोयला संकट देश में अब भी जारी है। अभी 135 पावर प्लांट देश में ऐसे हैं जहां कोयले से बिजली तैयार की जाती है। सरकारी आंकड़े की यदि बात की जाए तो 18 प्लांटों में तो कोयला पूरी तरह खत्म हो चुका है। 20 प्लांट ऐसे हैं जहां एक सप्ताह का ही स्टॉक बचा है। ये स्थिति तब है जब इस साल कोल इंडिया लिमिटेड ने कोयले का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन किया है। फिर भी कोयला संकट क्यों है यह समझ से परे हैं। देश में कोयला संकट पर पिछले दिनों केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह का बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी कि कोयला संकट को बेवजह प्रचारित किया जा रहा है। जबकि इसकी हकीकत यह है कि हमारे पास कोयले का पूरा स्टॉक मौजूद है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने यह भी कहा था कि दिल्ली में बिजली संकट ना अभी था और ना ही भविष्य में होगा। हमारे पास कोयले का पूरा स्टॉक है। कोयले की कमी की बातें पता नहीं क्यों फैलायी जा रही है। बेवजह इसे प्रचारित किया जा रहा है। हकीकत यह है कि हमारे पास कोयले की कोई कमी नहीं है। बिजली को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। कोयले के स्टॉक पर हमारी पूरी नजर है।
वही कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं होने से बिजली उत्पादन पिछले कुछ दिनों से प्रभावित हो रहा है। इस संकट के बीच गुरुवार को कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी रांची पहुंचे। जहां से सीधे चतरा स्थित अशोक ओपन कास्ट कोयला खदान गये और वहां का दौरा किया। इस दौरान कोयला मंत्री जोशी ने बताया कि कोयले के स्टॉक को बढ़ाने की कोशिश हो रही है। इसी के तहत 15 अक्तूबर से दो मिलियन टन कोयले की आपूर्ति होगी। केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि देश में बिजली संकट पर केंद्र सरकार की विशेष नजर है। जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा।


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