पटना: कैबिनेट की बैठक में 2025 तक हर घर में प्रीपेड मीटर लगाए जाने के निर्णय पर विभिन्न दलों के नेताओं ने विरोध जताया है। जन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विभिन्न दलों के नेताओं ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं का आर्थिक दोहन व शोषण के लिए बिजली कम्पनियों को खुली छूट दी गई है। नेताओं ने कहा कि बिहार एक गरीब व अशिक्षित राज्य है। जबकि उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, केरल समेत कई राज्य सरकारों ने प्रीपेड मीटर लगाने का काम अस्वीकृत कर दिया है। नेताओं ने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार शिकायत मिल रही है कि प्रीपेड मीटर पुराना स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक मीटर के अपेक्षा बराबर बराबर लोड पर ज्यादा यूनिट खपत करता है। मोर्चा के नेताओं ने मुख्यमंत्री से प्रीपेड मीटर लगाने के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि ऐसा नही होता है तो मोर्चा प्रीपेड मीटर लगाने के खिलाफ बाध्य होकर धरना, प्रदर्शन व चक्का जाम कर सकता है। विरोध जताने वालो में जन संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व निगम पार्षद प्रदीप मेहता, संरक्षक गिरजा शंकर कसेरा, महासचिव उमेश पंडित, सीपीआई के नेता मोहन प्रसाद, सीपीएम के त्रिलोकीनाथ पांडे, कांग्रेस के रमेश रजक, वशी अख्तर, राजद के वशीउद्दीन अहमद, डॉ धीरज कुमार, बबलू राम, गुलाम सरवर, मोहम्मद कैसर, आप पार्टी के बबलू कुमार शामिल हैं।


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