भोपाल, (एजेंसी)। मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग के एक अजीब फरमान ने सभी कलेक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। विभाग ने सभी अनुपयोगी सांडों की नसबंदी का आदेश दिया है। विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर सांडों की जल्द से जल्द नसबंदी करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि पत्र में 23 अक्टूबर से नसबंदी अभियान को चलाने का आदेश दिया है। विभाग ने जो फरमान जारी किया है, उसके मुताबिक गौशालाओं के साथ पशुपालकों के सांडों की भी नसबंदी का आदेश दिया गया है।
वहीं कलेक्टरों को अब यह समझ में नहीं आ रहा कि इतने कम समय में सांडों की नसबंदी कैसे शुरू हो सकती है। और इसके साथ ही कैसे पता चलेगा कि कौन सा सांड अनुपयोगी है। फिलहाल विभाग के निर्देश प नसबंदी अभियान के लिए जिला पंचायत सहित नगरीय निकायों को आदेश दिए है। दरअसल जानकारी के मुताबिक प्रदेश में लगभग 12 लाख सांड हैं। इतने सांडों की नसबंदी पर लगभग 12 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। विभाग ने अभियान में जिला पंचायत सहित नगरीय निकायों से भी सहयोग के निर्देश दिए हैं। वहीं प्रदेश में सांडों की नसबंदी का मामला गरमा गया है। संस्कृति बचाओ मंच विभाग के आदेश के विरोध में उतर गया है। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सरकार से हमारी मांग नसबंदी रोकने की है। गौवंश हमारी संस्कृति है। गौवंश समाप्त हुआ तो हमारी संस्कृति समाप्त हो जाएगी।


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