पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 अक्टूबर को रबी महाअभियान सह किसान चौपाल का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर रबी महाअभियान रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रबी मौसम में फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदान उपलब्ध कराने हेतु इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए जिला, प्रखंड स्तर पर रबी महाभियान का आयोजन किया जायेगा। रबी/गरमा मौसम, 2021-22 में 45.10 लाख हेक्टेयर में खाद्यान्न फसलों की खेती से 153.35 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि मंत्री श्री सिंह व गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने संयुक्त रूप से मंगलवार को बामेती परिसर में कृषि विभाग द्वारा आयोजित रबी महाभियान-सह-राज्यस्तरीय रबी कर्मशाला, 2021 का उद्घाटन किया।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गेहूं के लिए 23 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 72 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। रबी मक्का में 5 लाख हेक्टेयर में खेती के लिए कुल 42.75 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य, गरमा मक्का के लिए 2.75 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 16.50 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य, दलहन के लिए 12.10 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 14.55 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, बोरो एवं गरमा धान फसल के लिए 2.00 लाख हेक्टेयर में आच्छादन तथा 7.20 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य, जौ फसल के लिए 0.25 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 0.35 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य और रबी/गरमा वर्ष 2021-22 में तेलहन का 2.20 लाख हेक्टेयर में खेती के लिए 3.90 लाख मीट्रिक टन तेलहन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कहा कि प्रत्येक किसान चौपाल में 150 किसान भाग लेंगे। इससे किसान योजनाओं, नवीनतम तकनीक की जानकारी लेकर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर सकेंगे, जिनसे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे खुशहाल होंगे।
गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां गन्ना आधारित इथेनॉल नीति लागू किया गया है। गन्ना के साथ दलहन एवं तेलहन की अंर्तवर्ती खेती से राज्य में गन्ना के साथ-साथ दलहन एवं तेलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। कृषि सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने कहा कि दलहन एवं तेलहन फसलों के बीज प्रतिस्थापन दर अब भी कम हैं, इसलिए रबी 2021-22 के लिए राज्य सरकार द्वारा 50 करोड़ के ज्यादा लागत से दलहन एवं तेलहन की मिनीकीट योजना की स्वीकृति दी गई है।
कृषि निदेशक राजीव रौशन ने उर्वरक पर सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति की जानकारी दी। इस मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ. अरुण कुमार, ईखायुक्त गिरिवर दयाल, विशेष सचिव बिजय कुमार, निदेशक उद्यान नन्द किशोर,अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, भूमि संरक्षण वेंकटेश नारायण सिंह, निदेशक पीपीएम अशोक प्रसाद, निदेशक, बसोका सुनील कुमार पंकज, निदेशक, बामेती, डॉ. जीतेन्द्र प्रसाद, दोनों कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि वैज्ञानिक,मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।


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