नई दिल्ली, (एजेंसी)। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ग्रेटर नोएड़ा में आयोजित आईटीबीपी के 60वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने 23 आईटीबीपी कर्मियों को वीरता पदक से सम्मानित किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश और दुनिया ने देखा की पूर्वी लद्दाख में जब भारत और चीन की झड़पें हुईं तो कैसे आईटीबीपी के जवानों ने दुश्मनों से लोहा लेकर दांत खट्टे कर दिए। इसने एक बड़ा संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं कर सकता है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि दिल्ली कैंट में आईटीबीपी ने देश का सबसे पहला 1,000 बेड का क्वारंटाइन सेंटर खोला जहां पर विदेशों से आए भारतीयों के साथ 8 मित्र राष्ट्रों के नागरिकों को भी क्वारंटाइन किया… कोरोना की दूसरी लहर में भी आपने इस अस्पताल को कम समय में शुरू किया।
केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल आईटीबीपी के जवान 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा के अपने प्राथमिक उद्देश्य के तहत सेना के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तैनात हैं। आईटीबीपी के प्रवक्ता के मुताबिक पुलिस पदक से सम्मानित होने वाले 20 में से आठ जवानों को पिछले साल 15 जून को गलवान नाला में मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके वीरतापूर्ण कार्य, सावधानीपूर्वक योजना और सामरिक अंतर्दृष्टि का प्रदर्शन करने के लिए पुलिस वीरता पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है।
पूर्वी लद्दाख के फिंगर चार क्षेत्र में 18 मई 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए आईटीबीपी के छह जवानों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है, जबकि बाकी छह जवानों को उसी दिन लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के पास असाधारण वीरता का प्रदर्शन करने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।


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