नई दिल्ली, (एजेंसी)। भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तकनीकी समिति ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश कर दी है। जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बता दें कि पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक से अतिरिक्त जानकारी मांगी थी।आपातकालीन उपयोग सूची के लिए तकनीकी सलाहकार समूह एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को सिफारिशें प्रदान करता है कि क्या कोविड -19 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं। बता दें कि कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने अपने टीके की इमरजेंसी इस्तेमाल उपयोग की मंजूरी के लिए 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ के समक्ष आवेदन दिया था। अब तक, डब्ल्यूएचओ ने छह टीकों को मंजूरी दी है जिसमें फाइजर/बायोएनटेक की कोमिरनेटी, एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन, मॉडर्ना की एमआरएनए-1273, सिनोफार्म की बीबीआईबीपी-कोरवी और सिनोवैक की कोरोनावैक शामिल हैं अब कोवैक्सीन सातवां टीका होगा।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया भर के नियामक विशेषज्ञों से बने तकनीकी सलाहकार समूह ने यह निर्धारित किया है कि कोवैक्सीन कोविड से सुरक्षा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा करती है। वैक्सीन का लाभ जोखिम से कहीं अधिक हैं और टीके इस टीके का उपयोग दुनिया भार में किया जा सकता है। वहीं, गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए कोवैक्सीन से संबंधित डेटा अपर्याप्त हैं। कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की ओर से हरी झंडी मिलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी ट्वीट कर धन्यवाद दिया है। ‘मंडाविया ने अपने ट्वीट में कहा है यह समर्थ नेतृत्व की निशानी है, यह मोदी जी के संकल्प की कहानी है, यह देशवासियों के विश्वास की जुबानी है, यह आत्मनिर्भर भारत की दिवाली है।’


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