राष्ट्रनायक न्यूज

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान ने मशरक की सड़कों पर निकाला मानव शांति पद यात्रा, संस्था के सेवा केंद्र का हुआ उद्घाटन

पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।

मशरक (सारण)। अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की स्थानीय सेवा केंद्र का मशरक गोला रोड मे शाखा का उद्घाटन किया गया। सेवा केंद्र का उद्घाटन थानाध्यक्ष राजेश कुमार और बनियापुर राजद विधायक के अधिवक्ता पुत्र रितुराज सिंह के कर कमलों के द्वारा किया गया। मौके पर संस्थान की सारण क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी अनामिका बहन,मढ़ौरा की संचालिका बी के आराधना, सोनपुर की संचालिका बीके माधुरी बहन मौजूद रही। मौके पर अनामिका बहन ने कहा कि मानव जीवन मे नैतिक मूल्यों का पतन ही सुख शांति से मनुष्य का दूर जाना है। बीके माधुरी बहन परमात्मा का परिचय दिया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद मशरक थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने शांति पद यात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस आध्यात्मिक कार्यक्रम मे सैकड़ो लोग शामिल हुए और भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने का आह्वान किया। सारण क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी अनामिका बहन ने कहां कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या हो और आज क्यों हम उसे भटक गए हैं। धन, मान शान, यश ही मानव जीवन का उद्देश्य नहीं है। जीवन में सुख शांति का आधार और खुशी का आधार क्या है। उन्होंने बताया कि यह संसार एक रंगमंच है और हम सभी इसके अभिनेता हैं।सृष्टि रूपी रंगमंच पर हम अच्छे से अच्छा अभिनय करें, यह हमारे जीवन का उद्देश्य है। उस अभिनय के लिए हम अपने मन, वचन, कर्म से सबको, सुख शांति प्रदान करें लेकिन आज मनुष्य अपने देह अभियान के कारण लक्ष्य से भटक गया है। यही दुख और अशांति का मुख्य कारण है। आज जीवन में संतोष नहीं है, इच्छाएं बहुत हैं। धन को प्राप्त करने की होड़़ है, जिसके कारण मनुष्य अपने जीवन के उद्देश्य से भटक गया है, जिससे वह स्वयं से भी दूर हो गया है और परमात्मा से भी दूर हो गया है। आज हम अपने मन पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं और देह की इंद्रियांइन सब बातों को समझने के लिए राजयोग की शिक्षा ग्रहण करने की आवश्यकता है। राज योग सभी योगों का राजा है। इसमें अनेक योग समाहित हैं जैसे कि ज्ञान योग, सहज योग, बुद्धि योग, कर्मयोग, समत्व योग आदि। राजयोग मनुष्य को अपनी इंद्रियों का राजा बनाता है। मन का भी राजा बनाता है और सभी के दिलों का भी राजा बनाता है। राज योग से मनुष्य नारायण और नारी लक्ष्मी बन सकता है। राजयोग से मनुष्य जीवन तो सफल होता है ही है, परंतु साथ-साथ जन्म-जन्म भी सफल होता है।उद्घाटन के बाद निकली शांति पद यात्रा के दौरान छात्राओं ने आकर्षक रंगारंग आध्यात्मिक कार्यक्रम पेश किया।

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