राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

बुजुर्गों के लिए अच्छे कदम उठाने के लिए बधाई….

राष्ट्रनायक न्यूज।
पिछले कुछ महीनों से बुजुर्गों के बारे में अच्छा सोचा जा रहा है और अच्छा किया भी जा रहा है। जैसे कि आप सबको मालूम है कि मुझे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब चलाते 17 वर्ष हो गए हैं और 18वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। बहुत से नए-नए आयाम नए कंसैप्ट के साथ हासिल किए हैं और बुजुर्गों को उनके घरों और समाज में उनका स्थान दिलाया है। अब जब बुजुर्गों के लिए हैल्थ हैल्प लाइन शुरू की हमने भी मेरीडॉक के साथ फ्री हैल्थ हैल्प लाइन शुरू की जिससे सदस्य बहुत खुश और संतुष्ट हैं। यही नहीं दिल्ली के सीएम ने बुजुर्गों को अयोध्या ट्रेन में फ्री सफर कराने का निर्णय लिया है। उसकी भी हम बहुत प्रशंसा करते हैं। यही नहीं हमारी मोदी सरकार अब बहुत जल्द सीनियर सीटीजन के भ्रण-पोषण के लिए जो कानून है उसमें बदलाव करने जा रही है। वह यह है कि अब बुजुर्ग अपने जीवनयापन के लिए जो गुजारा भत्ता मिलता था उसके लिए अपने बेटी-बेटे और नाती-पौते से ही नहीं बल्कि उन सभी नजदीकी रिश्तेदारों से भी प्राप्त कर सकेंगे जो उनकी संपत्ति के हकदार होंगे। मोदी सरकार ने तैयारी कर ली है कि इस बदलाव वाले विधेयक को इसी लोकसभा के सत्र में पास कराना है। हम इस पहल का बहुत स्वागत करते हैं क्योंकि इस देश में आज भी बुजुर्गों की संपत्ति पर हक जताने वाले लोगों से जुड़े केसों की संख्या लाखों में है। जब तक यह विधेयक नहंीं था तो हम अपने समाज में देखते हैं कि अनेक रिश्तेदार और सगे-संबंधी अपने माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल के साथ-साथ सुरक्षा नहीं करते। ऐसे लोगों के लिए अब जेल का प्रावधान और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। इस विधेयक पर 2007 से काम हो रहा था परंतु मोदी सरकार ने अब वरिष्ठ नागरिकों की प्रोपर्टी पर हक जताने वाले सभी रिश्तेदारों को अगर बुजुर्ग डिमांड करते हैं तो गुजारा भत्ता अपनी कमाई की हैसियत के मुताबिक देना होगा।

कल तक किसी बेटे की आय करोड़ों में होती थी परंतु वह अपने मां-बाप को गुजारा भत्ता मामूली सा देता था। अहम बात यह है कि मां-बाप ने यह प्रोपर्टी बच्चों के नाम की होती थी और वे बेचारे कुछ बोल नहीं पाते थे लेकिन अब विधान बदल दिया गया है। अब इस विधेयक में जो नया प्रावधान किया गया है उसमें मां-बाप के गुजारे भत्ते के साथ हैसियत जोड़ दी गयी है। अगर वह प्रोपर्टी जो मां-बाप ने बच्चों के नाम कर रखी है अगर वह करोड़ों या अरबों की है तो गुजारा भत्ता भी इसी हैसियत से लिया जायेगा। मोदी सरकार ने इस पर संसदीय समिति को भी सुझाव भेजे हैं और खुशी की बात यह है कि संसदीय समिति ने इस सिफारिश को मान लेने के बाद कई प्रावधान भी किये हैं जो बुजुर्गों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं। आमतौर पर िजन लोगों के बच्चे नहीं होते और उनकी प्रोपर्टी में दूरदराज के रिश्तेदार हकदार बन जाते हैं परंतु अब अगर प्रोपर्टी उनके नाम हो गयी है तो उनसे भी जब चाहे हैसियत के मुताबिक गुजारे भत्ते की डिमांड करते हैं तो कानूनी रूप से उन्हें यह लेने का हक होगा।

बड़ी बात यह है कि नये विधेयक में वृद्धाश्रमों को भी शामिल किया गया है। इसके लिए बुजुर्गों को वृद्धाश्रमों में तमाम वे सारी सुविधाएं देनी होंगी जो बुजुर्गों को घरों में रहते हुए मिलती थी। इसमें विशेष रूप से स्वास्थ्य को शामिल किया गया है, यह बुजुर्गों का कानूनी अधिकार है। वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन होने के नाते मैं मोदी सरकार के इस प्रस्तावित विधेयक का एडवांस में धन्यवाद देती हूं और साथ ही यह विश्वास दिलाती हूं कि ऐसा करने के बदले हमारे हजारों सीनियर सीटीजन के आशीर्वाद इस सरकार को लगेंगे जो निश्चित रूप से फलदायी होंगे। दरअसल यह कानून बहुत पुराना हो चुका था और देश में बुजुर्गों की संख्या आज की तारीख में बारह करोड़ तक जा पहुंची है ऐसे में बुजुर्गों की देखभाल और सुरक्षा के लिए जो नया विधेयक इस शीतकालिन सत्र में आ रहा है उसके लिए एक बार फिर से बधाई। इस उम्मीद के साथ कि यह सरकार न केवल बुजुर्गों का बल्कि समाज के हर वर्ग का इसी तरह से कल्याण करती रहेगी। अकेले मोदी ही नहीं उनकी अच्छी विचारधारा और इस काम में उनका पूरा मंत्रालय और सभी सहयोगी बधाई के पात्र हैं।