राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

विश्व विकलांगता दिवस: किसी भी उम्र में हो सकते हैं हाथीपांव से होने वाली विकलांगता के शिकार

  • हाथीपांव से बचाव के लिए जरूर करें दवाओं का सेवन, इससे बचना जरूरी

राष्ट्रनायक न्यूज।

गया (बिहार)। हर वर्ष तीन दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस मनाया जाता है. विकलांगता के प्रति सामाजिक कलंक को दूर करने और विकलांग व्यक्तियों के जीवनशैली को बेहतर बनाने के उद्देश्य इस दिवस को मनाया जाता है. शारीरिक रूप से होने वाली कमी को हम विकलांगता के नाम से जानते हैं. यह​ विकलांगता जन्मजात या किसी दुर्घटना फलस्वरूप भी हो सकता है. विकलांगता कुछ गंभीर बीमारियों के कारण भी होता है. इनमें से एक फाइलेरिया से होने वाला हाथीपांव है जिससे प्रभावित व्यक्ति का सिर्फ शरीर ही नहीं बल्कि उसका संपूर्ण जीवनकाल प्रभावित होता है. इस तरह की विकलांगता को रोका जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि लोग हाथीपांव के बारे में जानने और इसे रोकने के लिए सर्वजन दवा सेवन जैसे कार्यक्रमों का हिस्सा बन दवाओं का सेवन जरूर करें. हाथीपांव जैसी बीमारियों से होने वाली विकलांगता एक व्यक्ति के ना सिर्फ सामाजिक बल्कि उसके आर्थिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।

हाथीपांव जैसी गंभीर बीमारी से हो सकते हैं विकलांग:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक बताते हैं कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है.  यह संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है और इसका असर कुछ समय बाद दिखने लगता है. मादा क्यूलेक्स मच्छर काटने से होने वाले फाइलेरिया रोग में प्रभावित महिला या पुरुष हाथीपांव का शिकार हो जाता है. वहीं पुरुषों में अंडकोष तथा महिलाओं में स्तन के सूजन हो जाता है. हाथीपांव बहुत अधिक गंभीर है और इससे प्रभावित व्यक्ति एक तरह से विकलांग हो जाता है. वह कहते हैं फाइलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी के इस्तेमाल करना चाहिए और सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवा को सेवन किया जाना चाहिए. जाने अनजाने लोग दवाओं के सेवन से बचने और इसे नजरअंदाज करते हैं।

हाथीपांव पर होने वाला संक्रमण होता है खतरनाक:

डॉ हक बताते हैं कि हाथीपांव से प्रभावित व्यक्ति को पैरों का बहुत अधिक ध्यान रखना जरूरी है. यदि प्रभावित पैर की त्वचा साफ नहीं रखी जाती है तो इसपर बैक्टेरिया या फंगस का संक्रमण भी हो सकता है. संक्रमण पैरों पर घाव बना देता है और गंभीर स्थिति में पैरों को काटना पड़ता है. इसलिए प्रभावित पैर को नियमित रूप से साबुन से धोयें और सूती कपड़े से पोछ लें. साथ ही एंटी बायटिक और एंटी फंगल क्रीम का इस्तेमाल करते रहें. प्रभावित पैर का हल्का व्यायाम करें. पैरों को हर प्रकार से जख्मी होने से बचायें. हाथीपांव वाले लोगों को पैर लटका कर बहुत देर तक नहीं बैठना चाहिए. इस तरह हाथीपांव की नियमित देखभाल से बहुत तकलीफ नहीं होगी।

किसी भी उम्र में हो सकता है फाइलेरिया संक्रमण:

यह संक्रमण किसी उम्र में हो सकता है और इसका असर कुछ समय बाद दिखने लगता है. फाइलेरिया संक्रमण के बाद संक्रमित को खांसी, बुखार सर्दी व हफनी होने लगता है. ऐसे में इन लक्षणों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. हा​थीपांव को कोई इलाज नहीं है।

क्या कहते हैं आंकड़े:

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनिया की कुल आबादी का करीब 15 प्रतिशत विकलांगता के किसी न किसी स्वरुप से ग्रसित है. वहीं राज्य की करीब 19 लाख आबादी विकलांगता से पीड़ित है. 2011 की राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में करीब 2.19 करोड़ की आबादी विकलांगता की किसी न किसी स्वरुप से ग्रसित है. राज्य में राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के अनुसार करीब 19 लाख की आबादी किसी न किसी प्रकार की विकलांगता से ग्रसित है।