राष्ट्रनायक न्यूज।
नगरा (सारण)। जिले में अपराधियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि अब मंदिर में रखे भगवान भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। नगरा प्रखण्ड के खैरा थाना क्षेत्र की खैरा बाजार में स्थापित खैरा थाने से महज तीन सौ मीटर की दूरी या यू कहें की थाने के सामने के ठाकुरबाड़ी मंदिर से अपराधियों ने श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की तीन प्राचीन मूर्तियां 3 दिसम्बर को शाम करीब 8:30 बजे ही पार कर दीं। बताया जाता है की चोरी हुई तीनों मूर्तियां काफी पुरानी हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में होने का अनुमान लगाया जा रहा है। खैरा थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन शुरू कर दी है। इस बाबत पुलिस ने पुजारी के आवेदन के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। इस संबंध में राम जानकी मंदिर के पुजारी नारायण राय उर्फ नारायण दास ने बताया कि शाम को करीब आठ बजे वह मंदिर में थें तो तीन लड़का आया। सभी बैठकर प्रसाद खा रहे थे उसके बाद मुझे बातों में उलझाकर ठाकुरबाड़ी से तीनों मूर्ति की चोरी कर लेके चले गए। उन्होंने कहा कि तीन लोग लगभग 25 व 30 एवं 40 वर्ष के आयु वाले व्यक्ति तीन दिनों से रोज शाम में गांजा पीते थें वहीं उनके साथ बगल गाँव के भी तीन लोग भी उनके साथ मिल कर गांजा का सेवन करते थें। इसी दरमयान चोरी की घटना का अंजाम दिया। जब प्रवेश गेट बंद करने गया तो देखा कि तीनो मूर्ति गायब है। पुजारी ने ये भी बताया कि वो तीनों तीन दिन से मेरे पास आकर मंदिर के प्रांगण में बैठकर प्रसाद खाते रहे है लेकिन मैं उन्हें नहीं जनता हूँ। वहीं चोरी की घटना के बाद आनन फानन में पुजारी ने आसपास के सभी लोगों को इस बारे में अवगत कराया तो सभी सन्न रह गए। खैरा थाने की पुलिस जांच में जुट गई है।
चोरी से प्रखण्ड के लोग हैं आहत: घटना के बाद भी मठ के महंत का नहीं आने से लोगों में है आक्रोश
खैरा मठ के ठाकुरबाड़ी मंदिर से अपराधियों द्वारा 3 दिसम्बर की संध्या में चोरी कर लिया गया श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की तीन प्राचीन मूर्तियां से प्रखण्ड की जनता काफी आहत और दुखी भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी न किसी लोकल के सहयोग से ही मूर्तियों की चोरी हुई है। चोरों को मूर्तियों की कीमत की भी जानकारी पहले से थी होगी। मठ के मंहथ रामदास बाबा का नहीं आना भी लोगों का थोड़ा नागवार गुजरा वहीं उनके नहीं आने से क्षेत्र के लोग काफी नराज भी है। साथ ही मंदिर के प्रति आसपास के कई गांव में आस्था बनी हुई है। दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद भगवान से आशीर्वाद लेने यहां आते हैं। इसलिए मूर्तियां गायब होने से लोग बहुत आहत हैं। इधर खैरा थानाध्यक्ष बीरेंद्र राम ने कहा है कि हर तरीके से मूर्ति चोरी की छानबीन की जा रही है। स्थानीय लोगों द्वारा चोरी गई मूर्तियों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ में बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया पुजारी पर शक की नजर से देखी जा रही है और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर मंदिर की पूजा करने के लिए उस पुजारी को छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि पुजारी के साथ बगल गाँव के तीन लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई फिर उसे छोड़ दिया गया वे तीनों इस पुजारी के साथ गांजा पीते थें। वहीं खैरा थानाध्यक्ष बीरेंद्र राम ने कहा कि चोरी की घटना होने के बाद से ही रात में खैरा क्षेत्र के साथ खोदाईबाग, पटेढ़ा के साथ ही गौरा थाना क्षेत्र में भी छापामारी की गई जहां से शक के आधार पर पुछ ताछ के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा की जल्द ही चोरों की गिरफ्तारी के साथ मूर्ति की बरामदगी कर ली जाएगी।
जनप्रतिनिधियों ने उठाई प्रशासन से खैरा मठ क्षेत्र को अपने स्तर से विकसित करने की मांग
खैरा मठ के अंदर स्थापित ठाकुरबाड़ी मंदिर से अग्यात चोरों द्वारा शुक्रवार की संध्या में हुई श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की तीन प्राचीन मूर्तियां की चोरी से प्रखण्ड के लोग आहत के साथ ही गुस्से में है। इस बाबत खैरा के पूर्व मुखिया सह भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी मोर्चा का प्रदेश मंत्री, सत्रुध्न भक्त ने कहा की आखिर मठ की इतनी अकूट संपति रहते हुए भी आज तक मठ क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। मठ के अंदर स्थापित तलाब के साथ ही मंदिरों का सौंद्रीकरण नहीं हो सका। साथ ही मठ क्षेत्र में 150 से 200 के बीच दूकानों के साथ ही बाजार से होने वाले राजस्व का बंदरबांट हो रहा है। हम जिला प्रशासन से आग्रह करते है कि खैरा मठ के सभी संपति को ट्रस्ट के माध्यम से या प्रशासन अपने स्तर से इसका विकास कराने के साथ ही चोरी हुई प्राचीन मूर्तियां की बरामदगी जल्द से जल्द कराने का प्रयास करें।
खैरा मठ का है प्राचीन इतिहास, अपने पास रखा है अकूट सम्पति
स्थानीय लोग बताते हैं कि खैरा मठ में स्थापित ठाकुरबाड़ी मंदिर के साथ मठ परिसर में भगवान शिव के साथ ही संतोषी मां, बजरंग बली की मंदिर है जो स्थानीय लोगों के साथ ही आप-पास के अन्य प्रखण्डों के लोगों की भी आस्था का केंद्र है। यह प्राचीन मठ है, कई पीढ़ी से लोग यहां पर पूजा के साथ ही आसपास के क्षेत्रों से लोग शादी विवाह भी करने के लिए आ रहे हैं। जानकार बताते है कि खांकी बाबा ने ही लगभग 5 बीघा 13 कठ्ठा एवं 7 धुर के भू- भाग के साथ खैरा मठ की स्थापना किया था। उनके मरोपरान्त मठ की देख रेख मदन मोहन दास और माई राम के हाथों से संचालित हो रहा है इनके बाद मदन मोहन दास ने ही रामदास बाबा को खैरा मठ का उत्तराधिकारी बनाया गया था। जिसके बाद से अभी तक इन्हीं के देख रेख में खैरा मठ का संचालन होता आ रहा है। आपको बताते चले की लगभग 5 बीघा 13 कठ्ठा एवं 7 धुर के इतने बड़े भूभाग में स्थापित खैरा मठ में अनेक देवी देवताओं के मंदिरों के साथ एक बड़ा तलाब भी है जिसमें मछली पालन से प्रति वर्ष लाखों रूपये की राजस्व की वसूली होती है। वहीं मठ के जमीम में ही लगभग 150 से 200 दूकाने भी संचालित होने के साथ ही मठ के जमीन में ही बाजार लगाता है जिससे राजस्व की वसूली भी होती है। जो सीधे मठ के महंथ रामदास बाबा के पास जाती है। आपको बताते चले की खैरा मठ के महंथों के द्वारा जमीन दान करने के फलस्वरूप स्कूल, थाना, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति छात्रवास, पंचायत भवन, ग्राम कचहरी भवन के साथ ही विवाह भवन, उप स्वास्थ केन्द्र, आंगनबाड़ी का अपना- अपना भवन भी है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया की खैरा मठ के पास इतनी अकूट संपति होने के बाद भी आज भी यह अपने विकास की राह देख रहा है।


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