नई दिल्ली, (एजेंसी)। अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की 29वीं बरसी है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के हर शहर में आज कड़ा पहरा है। लेकिन सबसे ज्यादा अलर्ट पर अयोध्या है। काशी विश्वनाथ और कृष्ण जन्मभूमि पर भी सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शांति और सुरक्षा के मद्देनजर कोई समझौता नहीं करने के साफ निर्देश दिए गए हैं। 6 दिसंबर की संवेधनशीलता को देखते हुए यूपी में एहतियात के तौर पर पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई हैं। यूपी में 150 कंपनी पीएसी और सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की छह कंपनियां तैनात की गई है। अयोध्या शहर और जिले को कई सुरक्षा इलाकों में बांटा गया है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। यूपी पुलिस की तरफ से ये भी कहा गया है कि तमाम संगठनों से बात की गई है ताकि कहीं कोई दिक्कत ना हो। इसके साथ ही 6 दिसंबर को वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मुस्तैद रहेंगे। खुफिया विभाग की टीमें भी सक्रिय हैं।
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण की बढ़ती गतिविधियों के बीच यह जान लेना महत्वपूर्ण होगा कि विवादित स्थल पर बनी बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर के दिन गिराया गया था। 28 बरस पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में घटी यह घटना इतिहास में प्रमुखता के साथ दर्ज है, जब राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने के लिए उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी। इससे देश के दो संप्रदायों के बीच पहले से मौजूद रंजिश की दरार बढ़कर खाई में बदल गई थी। इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे, जिनमें जान और माल का भारी नुकसान हुआ। 6 दिसंबर को मुस्लिम समुदाय काला दिवस के तौर पर मनाता है तो वहीं हिंदू समुदाय के लोग इसे शौर्य दिवस के तौर पर मनाते हैं।
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