पटना। बिहार के किसी बैंक में गिरवी रखे गये भूखंड का पता लगाना आसान हो गया। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने गुरुवार को एक पोर्टल जारी किया। इस नई व्यवस्था से जमीन खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी करना कठिन हो जाएगा। जमीन खरीदने के पहले क्रेता इसकी जानकारी आसानी से ले सकते हैं कि वह जमीन कहीं गिरवी तो नहीं है। राजस्व एवं भमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार ने ह्यरिकॉर्डिंग ऑफ इनकम्ब्रैंसेसह्ण पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे लोग खरीद-फरोख्त में संभावित धोखे से बचा सकेंगे। इसी के साथ बैंकों को भी लोनदेन में आसानी होगी। उन्हें तुरंत पता चल जाएगा कि यह जमीन किसी दूसरे बैंक में गिरवी नहीं है।
लॉचिंग के मौके पर मंत्री ने बैंकों के साथ आमलोगों से इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस सुविधा का सबसे बड़ा लाभ उन लोगों को होगा जो जानकारी के अभाव में वैसी जमीन को खरीद लेते हैं, जो बैंक के पास गिरवी पड़ी होती है। विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि बैंकों की यह पुरानी मांग थी। एसएलबीसी यानी बैंकों की राज्यस्तरीय समिति की बैठक में बार-बार दो मुद्दे उठाए जा रहे थे। एलपीसी को आॅनलाइन करने और जमीन को रेहन रखने की जानकारी को आॅनलाइन करने की मांग हो रही थी। एलपीसी की सुविधा विभाग द्वारा पूर्व में ही रैयतों को दी जा चुकी है। इस पोर्टल के लॉन्च होने के बाद अब बैंकों को अंचल आॅफिस से पत्राचार की भी जरूरत नहीं रहेगी। आॅनलाइन एलपीसी देखकर बैंक लोन स्वीकृत करेंगे और सारी जानकारी पोर्टल पर डाल देंगे। अभी कई शिकायतें ऐसी भी हैं जिसमें जमीन मालिक एक ही दस्तावेज-केवाला बंधक रखकर और बैंक बदलकर कर्ज ले लेते है। इस तरह के मामलों में सबसे बड़ी समस्या होती है कि संबंधित रैयत कर्ज का भुगतान नहीं कर पाता और बैंक का कर्ज डूब जाता है।


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