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हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह से निःशुल्क कराया जाता है इलाज

  • पूर्णिया के पांच बच्चों की पटना में करायी गयी जांच:
  • हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का स्थायी तौर पर निजात के लिए समय पर इलाज ज्यादा जरूरी: सिविल सर्जन
  • हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की पटना में करायी गयी जांच: डॉ आरपी सिंह

पूर्णिया, 16 दिसंबर।

लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर जहां सरकार पूरी तरह से गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसको सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह से निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। इसका सार्थक परिणाम भी मिल रहा है। समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे हैं। बच्चों को नई स्वस्थ्य जिंदगी जीने का अवसर भी मिल रहा हैं। ऐसे पीड़ित बच्चों का जिले के आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित किया जा रहा है। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार समुचित इलाज के लिए पीएमसीएच पटना के परिसर स्थित आईजीआईसी या दूसरे राज्य भेजा जाता है। जहां बच्चों का सरकारी स्तर पर निःशुल्क समुचित इलाज हो रहा है।

हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का स्थायी तौर पर निजात के लिए समय पर इलाज ज्यादा जरूरी: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डाॅ एसके वर्मा ने बताया समय पर इलाज शुरू होने से जिले के कई बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। हृदय रोग से ग्रसित बच्चे सफल ऑपरेशन होने के बाद स्वस्थ्य होकर घर आये। कई अभिभावक समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके थे। जिसको आबीएसके की टीम द्वारा जांच करने के बाद फॉलोअप के लिए आईजीआईसी पटना भेजा गया था। जहां पर जांच होने के बाद उनलोगों का ऑपरेशन हो चुका है। सीएस ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का स्थायी तौर पर निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना बहुत ज्यादा जरूरी है। अन्यथा बहुत तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं उन्होंने यह भी बताया जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसका पैर टेढ़े-मेढ़े है, उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। इसलिए उस तरह की बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उसके अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर निःशुल्क इलाज शुरू करा सकते हैं। जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। उसका चेहरा, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है।

हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की पटना में करायी गयी जांच: डॉ आरपी सिंह

आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ आरपी सिंह ने बताया श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल अहमदाबाद द्वारा बाल हृदय योजना के अंतर्गत पीएमसीएच पटना परिसर स्थित आईजीआईसी पटना  में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए जिनकी उम्र 0 से 18 वर्ष तक का है, (जन्मजात हृदय रोगी या हृदय में छेद आदि बीमारियों के लिए ) 15, 16 व 17 दिसंबर को चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है। जिसके लिए सिविल सर्जन डॉ संतोष कुमार वर्मा के दिशा निर्देश पर 15 दिसंबर को बनमनखी निवासी राज नारायण यादव की 12 वर्षीय पुत्री रानी कुमारी एवं साजन कुमार के 5 महीने का पुत्र युवराज कुमार, पूर्णिया पूर्व प्रखंड के अशोकानंद के 12 वर्षीय पुत्र आयुष आनंद, जिनके हृदय में जन्म से ही छेद होने के कारण बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इन बच्चों का अहमदाबाद के चिकित्सकों की एक टीम द्वारा बच्चों के हृदय की स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें ईसीजी व इको सहित कई अन्य तरह की जांच की गयी। विचार किया गया कि इन बच्चों की स्धिति अहमदाबाद स्थित अस्पताल में ऑपरेशन करने लायक है या यहीं पर स्थानीय स्तर पर ही उपचार हो सकता है। इसी बीच 16 दिसंबर को भी बिहार के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की मंत्री लेसी सिंह द्वारा दो और बच्चे के नगर प्रखंड के रेहुआ गांव निवासी सोनू पासवान की 9 माह की मासूम बच्ची आकृति कुमारी एवं जागीर छोटी सहारा गांव निवासी मोहम्मद के पांच वर्षीय पुत्र अशरफ़ को आईजीआईसी पटना के लिए भेजा गया है।

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