राष्ट्रनायक न्यूज

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बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक व निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय बैंक हड़ताल शुरू, पहले दिन 400 करोड़ रूपये का करोबार प्रभावित

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। केन्द्र सरकार द्वारा बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक एवं बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाइटिड फोरम आफ बैक यूनियन के आह्वान पर जिले के सभी बैंक कर्मी व पदाधिकारी दो दिवसीय बैंक हड़ताल शुरू किया। हड़ताल के पहले दिन सभी बैंकों के कर्मियों ने हड़ताल के समर्थन में सरकारी एवं गैर सरकारी बैंकों के कर्मियों ने बैंक बंद कर विरोध पदर्शन किया और केन्द्र सरकार द्वारा बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक एवं बैंकों के निजीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बैंकर वक्ताओं ने कहा कि हमलोग सरकार की इस मंशा को कभी सफल नहीं होने देगें और राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। हड़ताल के दौरान बैंकों के समक्ष पंजाब नैशनल बैंक ईम्पलाई यूनियन बिहार के उप महासचिव  मनोज कुमार सिंह तथा बिहार स्टेट सेन्ट्रल बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के सहायक महा सचिव जयशंकर प्रसाद, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के जिला महासिचव एसएन पाठक, एसबीआई ऑफिसर एसोसिएशन के राजकुमार मिश्र, एसबीआई स्टाफ एसोसिएशन के संगठन सचिव पंकज शर्मा, यूबीजीबी ऑफिसर एसोसिएशन के राहुल कुमार के नेतृत्व में बैंक हड़ताल कर अपने मांगों के समर्थन में हड़ताल करते हुए बैंकों के समक्ष पदर्शन कर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने गलत नीति अपनाकर बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है। जो न्यायसंगत नहीं है। जानकारी के अनुसार सरकारी क्षेत्र के सेन्ट्रल बैंक, ग्रामीण बैंक, एसबीआई, पीएनबी, बैँक ऑफ बरौदा, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक, ग्रामीण बैंक सहित सभी बैंकों के साथ-साथ सीएसपी, एटीएम तथा गैर सरकारी क्षेत्र के आईसीआईसी, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक कर्मी व पदाधिकारी हड़ताल पर रहे। जिससे बैंकों में नकदी जमा-निकासी, चेक क्लियरेंस पूरी तरह से बाधित रहा। हड़ताल के वजह से भी बैंकों के एटीएम में पैसे नहीं थे। जिससे रूपये निकासी करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा बैंक हड़ताल के क्रम में विरोध प्रदर्शन करने वालों में गणेश सिंह, मो. समी उज्जयां, मो. अब्बास, संजीत मिश्रा, आरआर प्रदीप, शशिभूषण, अरूण कुमार, सारिका, सुरभी, आलोक कुमार, अमर कुमार, रागनी कुमारी, वैद्यनाथ प्रसाद, प्रियरंजन, अमित ओझा, सुमित कुमार, भूनेश्वर सिंह, प्रसुन्न प्रभाष, परमहंस पाण्डेय, राहुल राणा, प्रमोद कुमार, उज्जवल कुमार, सत्यप्रकाश, चुन्नीलाल राय, ओमप्रकाश, मनोज कुमार राय, दशई लाल भगत, हरेराम ठाकुर, ज्योतिष पांडेय, तारकेश्वर सिंह, विकास कुमार मिश्र, यशवर्धन जैन, राजेश कुमार सिंह, एटक के जिला सचिव समेत दर्जनों बैंक कर्मी व पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैंक हड़ताल से 400 करोड़ का करोबार हुआ प्रभावित

बैंकों के निजीकरण एवं बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक के खिलाफ यूनाइटिड फोरम आफ बैक यूनियन के आह्वान पर हुएहड़ताल का व्यापक असर रहा। हड़ताल के कारण सभी बैंक बंद रहे। जानकारों की माने तो बैँक हड़ताल से जिले में करीब 400 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसमें बैंकों में नकदी जमा- निकासी, चेक क्लियरेंस, एटीएम में रूपये डालने समेत अन्य कार्यो के बंद होने से करीब 400  करोड़ रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।

बैंक बंद रहने से लोगों की हुई पेरशानी

निजीकरण के विरोध में बैंकों के हड़ताल से व्यवसायियों एवं आम लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। अपने छोटे- छोटे कार्योके निबटरा करने को लेकर लोगों को आस-पास के महाजनों से रूपये लेन-देन करना पड़ा। वहीं सबसे अधिक परेशानी मरीजों को-देखने को मिला। जिन्हें रूपये नहीं होने के कारण दूसरे लोगों से रूपये लेकर ईलाज कराने पड़ा तथा रूपयों के अभाव में प्राथमिक उपचार से ही काम चलाना पड़ा है।