राष्ट्रनायक न्यूज

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लिवर से जुड़ी यह समस्या बन सकती है आपके लिए घातक, ना करें नजरअंदाज! बचने के लिए करें ये घरेलू उपाय

राष्ट्रनायक न्यूज।
आजकल खानपान की गलत आदतों और खराब जीवनशैली के कारण फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है। फैटी लिवर को मेडिकल की भाषा में हेप्टिक स्टेटोसिस भी कहा जाता है। इसमें लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है। लिवर में अधिक फैट जमा होने से लिवर के कार्यों में बाधा उत्पन्न होने लगती है। इसके साथ ही यह शरीर के लिए जरूरी पित्त रस और इंसुलिन के उत्पादन को भी प्रभावित करता है। कुछ गंभीर मामलों में लिवर फेल भी हो सकता है। फैटी लिवर की समस्या में थकान, तेजी से वजन का घटना, पेट संबंधी परेशनियाँ और कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। फैटी लिवर की समस्या खासतौर पर उन लोगों में ज्यादा आम है जिनका वजन सामान्य से अधिक है या जो शराब का अत्यधिक सेवन करते हैं। फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने के लिए आपको अपने खानपान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने चाहिए। कुछ घरेलू नुस्खों से लिवर में जमा अधिक फैट को कम किया जा सकता है और फैटी लिवर की समस्या को दूर किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ असरदार घरेलू नुस्खे बताने जा रहे हैं –

इन कारणों से हो सकता है फैटी लिवर

  • मोटापा
  • डायबिटीज
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • हाई ट्राइग्लिसराइड्स लेवल
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • आंतो से संबंधित बीमारी
  • कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट
  • गर्भावस्था
  • तेजी से वजन कम होना
  • कुछ प्रकार के संक्रमण, जैसे हेपेटाइटिस सी
  • फैटी लिवर से बचने के घरेलू उपाय

अलसी के बीज: फैटी लिवर के इलाज में अलसी के बीज का सेवन एक असरदार घरेलू नुस्खा है। अलसी के बीज में मौजूद खास पोषक तत्व लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और फैटी लीवर की समस्या से राहत दिला सकते हैं। फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने के लिए 1 गिलास पानी में 1 चम्मच असली के बीज का पाउडर मिलाएं। इसके साथ ही इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

हल्दी: आयुर्वेद में हल्दी को औषधीय गुणों का खजाना कहा गया है। हल्दी में एंटी इन्फ्लामेट्री, एंटीआॅक्सीडेंट, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। ये सभी गुण लिवर संबंधित बीमारियों से बचाव करने में मदद करते हैं। इसके साथ हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज की स्थिति में लिवर की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

एप्पल साइडर विनेगर: एप्पल साइडर विनेगर यानि सेब का सिरके का इस्तेमाल फैटी लिवर डिजीज में फायदेमंद माना जाता है। एप्पल साइडर विनेगर में एंटीटॉक्सिन गुण पाए जाते हैं जो लिवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। रोजाना 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सेब का और शहद मिलकर पीने से फैटी लिवर की समस्या में लाभ होता है।

नींबू: फैटी लीवर के उपचार के लिए नींबू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो कि एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है। एक शोध के मुताबिक नींबू में मौजूद एंटीआॅक्सीडेंट फैटी लिवर के दौरान होने वाली ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को रोकने में मदद करते हैं। फैटी लिवर की समस्या में नींबू का प्रयोग करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। रोजाना एक गिलास पानी में नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें।

दालचीनी: फैटी लीवर के लिए दालचीनी का इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। दालचीनी में सूजन-रोधी गुण मौजूद होते हैं जो फैटी लिवर की स्थिति में लीवर में आई सूजन को कम कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में दालचीनी की लकड़ी या पाउडर डालकर उबालें और फिर इस पानी को छान कर पी लें। आप चाहें तो इसमें शहद भी डाल सकते हैं।

प्रिया मिश्रा