राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा/दिघवारा (सारण)। दिघवारा नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गुप्तेश्वर स्थान मंदिर के पास बने शिव वाटिका विवाह भवन परिसर में स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से विधान परिषद के प्रत्याशी सुधांशु रंजन ने दिघवारा प्रखंड के त्रिस्तरीय पंचायत परिषद के प्रतिनिधियों व नगर निकाय के प्रतिनिधियों को अंगवस्त्र व माला पहनाकर सम्मानित किया। उक्त अवसर पर गरखा विधानसभा के विधायक सुरेंद्र राम ने अपने भाषण में कहा कि जन जन के नेता लालू प्रसाद ने जो इसी दिघवारा से अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की थी। जिसकी कर्मभूमि दिघवारा की धरती से ही पूरे देश के पिछड़ों, अल्पशंख्यकों और दलितों सम्मान मिला। वहीं इन सबों का मसीहा है यह धरती वीर सपूतों का है। यह देवों की धरती है और राजनीति के पुरोधाओं की भी धरती है। इसी धरती के लाल डॉ राजेंद्र प्रसाद भी हुए। जो देश के प्रथम सृजित होने वाले पद प्रथम नागरिक अर्थात देश के प्रथम राष्ट्रपति हुए। जगदीश में जब देश में निरंकुश शासन स्थापित हुआ। उस समय भी उस शासन से मुक्ति दिलाने के लिए इसी सारण के लाल ने जिसका नाम जय प्रकाश नारायण था ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया और उस निरंकुश शासन को उखाड़ फेंका और उसी धरती के लाल गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद यादव जी भी हैं ।और वही यह धरती है जहां से पहली बार एक नौजवान सारण स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से विधान परिषद का प्रत्याशी राजद की ओर से बना है। यह प्रत्याशी इस एमएलसी चुनाव के इतिहास का सबसे युवा प्रत्याशी है। अतः हम आप लोगों से निवेदन करेंगे कि आप सुधांशु रंजन को अपना मत देकर जिताने का काम करेंगे। जिससे वे सदन में जाकर आपकी आवाज बन आपके हक हुकुम की लड़ाई लड़ने का काम करें। जिससे आपको भी न्याय मिल सके।
सुधांशु रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि मैं आपके बीच विधान परिषद के प्रत्याशी के रूप में आया हूं जरूर। लेकिन मैं वैसा प्रत्याशी नहीं बनना चाहूंगा जो आपके मत से सदस्य तो बन जाते हैं लेकिन फिर भी भूल जाते हैं कि कोई मुझे मत देकर जिताने का भी काम किया था। 18 सालों के इतिहास में आपके द्वारा सारण स्थानीय निकाय क्षेत्र से 3 प्रत्याशियों का तीन बार में चयन करके विधान परिषद में भेजने का काम किया गया। लेकिन वह आपसे फिर दोबारा मिलना तो दूर बात करना भी पसंद नहीं किया। अभी जो वर्तमान सदस्य हैं। इनका अपना व्यापार जो कोलकाता में है ज्यादातर समय उन्हीं व्यापार को संभाले में लग जाता है। उनकी तो वे जिस सदन के सदस्य हैं वहां भी उपस्थिति बहुत कम ही देखने को मिलती है और वे आपकी चिंता क्या करेंगे वह तो फोन नंबर भी किसी को नहीं देते हैं। फोन से बात करना तो दूर की बात है। जब उन्हें पता चला की सुधांशु राज रंजन जो राजद के प्रत्याशी हैं। इस क्षेत्र में लगातार जनता के बीच अपनी उम्मीदवारी को प्रदर्शित कर रहे हैं। तो उन्होंने भी मेरे पीछे पीछे आपको याद करने का काम शुरू कर दिया। अभी देखिएगा आज जो मेरा यह प्रोग्राम हो रहा है पता चलेगा कल वह भी कहीं ना कहीं इस तरह का काम करते नजर आएंगे। विगत 6 सालों तक वह कहां थे । 6 साल के अंदर उन्हें जनप्रतिनिधियों की याद क्यों नहीं आया। इस पर भी आप लोगों को विचार करना चाहिए और बताना और पूछना चाहिए कि इस दरमियान आप क्या कर रहे थे। मैं चला हूं आप के मान सम्मान की लड़ाई आपके हक हुकू की लड़ाई लड़ने के लिए।मैं जब इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया था। तब मैं बाबा हरिहर नाथ के मंदिर में जाकर तीन प्रतिज्ञा किया था।और मैंने तभी ठान लिया कि जब मैं विधान परिषद का सदस्य बनूंगा।
त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि के आवाज बन सरकार के बीच उनकी आवाज को उठाऊंगा और उन्हें न्याय दिलवाने का काम करूंगा। पूरे देश के लगभग 7 राज्यों में विधानसभा और विधान परिषद जैसे दो सदनों वाला विधानमंडल चलता है। बाकी राज्यों में सिर्फ एक सदन ही चलता है। बिहार में विधान परिषद के सदस्य पांच प्रकार के होते हैं जिन का चुनाव विभिन्न प्रकार से किया जाता है। पहला प्रतिनिधि राज्यपाल महोदय मनोनीत करते हैं। दूसरे प्रकार का प्रतिनिधि का चुनाव हमारे माननीय विधायक जी के द्वारा किया जाता है। तीसरे प्रकार के प्रतिनिधि का चुनाव माननीय शिक्षक महोदय के द्वारा किया जाता है। चौथे प्रकार के प्रतिनिधि का चुनाव हमारे स्नातक भाई बहनों द्वारा किया जाता है एवं पांचवें प्रकार के सदस्यों का चुनाव आप जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है। इस चुनाव के मतदाता आप त्रिस्तरीय पंचायत परिषद के सदस्य गण एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियो के साथ माननीय विधायक जी एवं सांसद महोदय होते हैं। मत का भैलू जितना सांसद महोदय के मत है उतना ही आपके भी मत का भी है।मेरा मानना है कि पंचायत प्रतिनिधियों को भी माननीय विधायक एवं सांसद महोदय की तरह वेतन भत्ता मिलना चाहिए और पेंशन का भी हक मिलना चाहिए।क्योंकि समान काम समान वेतन यह जनता का मौलिक अधिकार है। विडंबना यह है कि हमारे वार्ड सदस्यों को ₹500 वेतन भत्ता के रूप में मिलते हैं वही पंचायत समिति के सदस्यों को ₹1000 मुखिया जी को 2500 रुपए एवं जिला परिषद के सदस्यों को भी 3000 ही मिलते हैं। क्या इससे उनके परिवार का सारा खर्च चल जाएगा। इसलिए मेरा मानना है की वार्ड सदस्यों को कम से कम न्यूनतम वेतन के आधार पर 15000 प्रति महीना, पंचायत सदस्यों को 20000 महीना, मुखिया जी लोगों को 25000 से 30000 प्रति महीना, एवं जिला परिषद के सदस्यों को 35000 रुपए प्रति महीना मिलना चाहिए एवं उन्हें हारने के बाद उन्हें मिलने वाले महीने का आधा पैसा पेंशन के रूप में मिलना चाहिए। साथ ही उन्हें मेडिकल फैसिलिटी भी 20 लाख रुपए की मिलनी चाहिए। क्योंकि माननीय लोगों का मेडिकल सुविधा करोड़ों में होती है तो इनकी इतना क्यों नहीं। क्योंकि यह दिन रात भर अपने जनता के बीच सेवा देते रहते हैं। अपने घर से भी अपने जनता का सुख दुख में पैसे लगाकर भी मदद करते रहते हैं।इसलिए मेरा मानना है इनकी आवाज जब सदन में उठेगा तभी इनके बारे में सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। अभी तक जो प्रतिनिधि चुन के गए हैं। उनके द्वारा इन लोगों का आवाज उठाना तो दूर उनसे दुबारा मिलना भी नहीं हुआ। ऐसे में अगर मैं विधान परिषद में चुन के जाता हूं। तो मेरा पहला काम होगा मैं आपकी आवाज को अपनी पहली प्रश्न के रूप में विधान परिषद में रखूं। इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं।
अवसर पर महेश स्वर्णकार प्रदेश महासचिव व्यवसायिक प्रकोष्ठ राजद ने अपनी अध्यक्षीय भाषण में तमाम सदस्यों से अपील की कि इस बार सुधांशु रंजन जैसे युवा को सदन में भेजने का काम करें। जो आपकी आवाज बन सके। इसी के साथ दरियापुर प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष राम अयोध्या राय, दरियापुर प्रखंड के पूर्व प्रमुख लाल मोहन राय, राजद के प्रदेश महासचिव मोहम्मद शब्बीर हुसैन, वरिष्ठ राजद नेता कमलेश कुमार राय , दरियापुर प्रखंड के कांग्रेस नेता तरुण तिवारी ,राजद नेत्री अमिता साहनी, रामपुरा आमी की मुखिया रंजू देवी, कुरिया पंचायत के मुखिया मो जमील अंसारी, लोक गायक गुंजन बवाली, मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना, सुरेश साह, नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि बिहारी राय के साथ सभा के आयोजक मनीष कुमार ने भी अपनी बात रखी। नगर पंचायत दिघवारा के वार्ड पार्षद ज्ञानेश कुमार राजा, हरिहर राम, हरेंद्र राय के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा सैकड़ों की तादाद कार्यकर्ता मौजूद रहे।



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