संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। बिगत एक पखवाड़े से मौसम के बदले मिजाज को देख किसान चिंतित दिख रहे है। दोरस हवा चलने की वजह से लाही(पौधों को हानि पहुँचने वाले कीट)का प्रकोप बढ़ गया है।ऐसे में तेलहनी और दलहनी फसलो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने को लेकर किसान अपने को असहज महसूस कर रहे है। हालाँकि जिन किसानों ने सरसो की अगात बुआई की है, उनकी सरसो की फसल में दाने लगने प्रारम्भ हो गये है। वहीं देर से बुआई की गई सरसो के पौधों में अभी फूल लगने शुरू हुए है।अनुभवी किसानों की माने तो धान की कटनी करने के बाद तेलहनी फसलो की देर से बुआई करने वाले अथवा बहुफसली बिधि के तहत गेहूँ की फसल के साथ सरसो की बुआई करने वाले किसानो को इस बात की चिंता सता रही है की अभी- अभी सरसो के पौधों में फूल लगना प्रारम्भ हुआ है। ऐसे में दोरस हवा चलने की वजह से लाही गिरने से उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा। लंबे समय से कृषि कार्य में अनुभव रखने वाले संघर्षशील किसान मदन सिंह ने बताया की लाही के प्रकोप से पौधे सुख जाते है और उनमे लगे दाने काले पड़ जाते है। जो किसी कम के नहीं रहते है। इस मौसम में तेलहनी और दलहनी फसलों के बेहतर उत्पादन के लिये पछुआ हवा का चलना उपयुक्त माना जाता है। वहीं प्रायः इस मौसम में बारिस होने की भी संभावना बनी रहती है।जो कृषि कार्यो के लिये नुकसान दायक माना जाता है।
More Stories
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री का छपरा में चुनावी दौरा व जनसंपर्क
टीबी के अभिशाप को मिटाने के लिए पंचायतों को लिया जायेगा गोद
छठ महा पर्व के अवसर पर हुआ कम्बल वितरण