मुबारक होली, एक संदेश भी
लेखक:- अहमद अली
रंगों का त्यौहार होली जितना रमणीक है उससे कहीं बढ़कर इस त्योहार की भावनाएं और संदेश हैं। कई रंगों का मिलन, मिलन की सुन्दरता और फिर उससे पैदा होती हुई एक खूबसूरत फिजा़ं, जो मनमोहक भी है और एक संदेश वाहक भी। दिल से सुनो उनकी आवाज़ तो सदाएं एहसास कराती हैं ……..
ऐसी वातावरण तैयार करो जिस प्रकार हम विभिन्न रंगों ने मिलकर किया है। हम अनेक हैं लेकिन हमारा मिलन और हमारी एकता कितना जीवंत है ! कुछ तो नसीहत ग्रहण करो इंसानों हमारी अनेकता में एकता से ! प्रत्येक वर्ष मैं आती हूं और आप हमें हाथों हाथ लेते भी हैं। लेकिन मेरी भावनाओं को क्या आपने कभी समझने की कोशिश की ? नहीं, तो कीजिए इस साल से ही सही। वो देखो, रंग बिरंगे फूलों से सजा हुआ तुम्हारा गुलशन। तुम उस में कदम रखते ही तरोताजा हो जाते हो न। जैसे हम सभी रंगों का मिलन हृदयग्राही है वैसे ही उन सभी पुष्पों का मिलन भी। कन्याकुमारी से कश्मीर तक फैले हुए इस बाग का बागबां भी बनो और निगहबां भी बनो।
बहुत बहुत बधाईयाँ और ढेर सारी शुभकामनाएं इस रंगोत्सव की।
आओ हम सब फाग मनाएं
रंगों ऐसा दिल भी मिलाएं!


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