छपरा(सारण)। वाहन स्वामी की मौत के बाद भी जिले में कई स्थानों पर वाहनों का परिचालन हो रहा है। इसको जिला परिवहन विभाग ने गंभीरता से लिया है और ऐसे वाहन मालिकों को चिन्हित करने काम शुरू किया है। जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद ने बताया कि बिना नाम स्थानांतरित कराये ही वाहनों का परिचालन पूरी तरह से गैरकानूनी है। मोटर यान अधिनियम नियमावली 1988 की धारा 50 (2 ) एवं केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 56 के संगत प्रावधानों के आलोक में वाहनों के स्वामित्व का स्थानांतरण जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति के नाम से वाहन पंजीकृत है तो उसकी मृत्यु हो जाने अथवा किसी सार्वजनिक नीलामी में क्रय किए गए वाहन के स्वामित्व का हस्तांतरण अनिवार्य है। बिना नाम स्थानांतरित कराए वाहनों का परिचालन मोटर यान अधिनियम के आलोक में दंडनीय है। डीटीओ ने यह भी बताया कि किसी मोटरयान के स्वामी की मृत्यु की स्थिति में वाहन का वैध उत्तराधिकारी को उस वाहन स्वामी की मृत्यु के 30 दिन के भीतर संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को वाहन की मृत्यु की सूचना देना है। इसके बाद उस वाहन का प्रयोग अधिकतम तीन माह के लिए ही ही सकता है एवं इस अवधि के भीतर वाहन का स्वामित्व ट्रांसफर के लिए आवेदन वाहन के निबंधन प्राधिकार के समक्ष किया जाना अनिवार्य है।
हस्तांतरण के ही मृत व्यक्ति से संबंधित वाहनों की खरीद-बिक्री हो रही है
एमवीआई संतोष कुमार सिंह ने कहा है कि जिले के जो वाहन मालिक अपने वाहनों का स्वामित्व का ट्रांसफर अभी तक अपने नाम से नहीं कराए हैं, वे जल्द से जल्द जिला परिवहन कार्यालय से उत्तराधिकारी में प्राप्त वाहन को अपने नाम से ट्रांसफर करा लें। मालूम हो कि बिना वैध हस्तांतरण के ही मृत व्यक्ति से संबंधित वाहनों की खरीद-बिक्री हो रही है। ऐसे वाहनों का प्रयोग शराब तस्करी सहित अन्य गैर कानूनी कार्यों में हो रहा है।


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