राष्ट्रनायक न्यूज

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डॉक्टर अंबेडकर के उपदेशों को जन जन तक पहुंचाने से ही समाज में आएगी समानता

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 131 वीं जयंती शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। अंबेडकर रविदास महासंघ के तत्वाधान में सदर प्रखंड के चनचौरा स्थित रामकोलवा चौक स्थित बाबासाहेब प्रतिमा स्थल पर हुआ। जहां सर्वप्रथम बाबासाहेब के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया उसके बाद कार्यक्रम की शुरुआत से अधिवक्ता रामराज राम के अध्यक्षता में की गई। अंबेडकर रविदास महासंघ के जिलाध्यक्ष रामलाल राम, शिवनाथ राम  लक्ष्मण राम, देवेंद्र राम, बिंदा राम, रीतलाल राम, बंधु राम, प्यार चंद राम, मनोज राम, रविंद्र राम सहित दर्जनो भीम आर्मी के नौजवान सदस्यों की उपस्थिति वापसी बाबा शहर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर के बताए पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया इस दौरान बाबा साहब प्रधान गीत को भी प्रस्तुत किया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारत के संविधान की रक्षा करते हुए देश में व्याप्त कुरीतियों अंधविश्वास और सामाजिक विषमताओं के खिलाफ लोगों को जागृत करना होगा। तब ही समाज मे समानता आ सकती है। मौना पंचायत के मुखिया गोपाल महतो ने कहा कि बाबा साहब के विचारों को अपनाकर विचारों को अपनाकर उनके मार्ग पर चलकर देश और समाज की उन्नति का कार्य करने का काम करेंगे।  वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त, असमानता, भेदभाव, अंधविश्वास एवं कुरीतियों को को शिक्षा एवं मानसिक बदलाव करके ही समाप्त कर मानवता में समरसता की स्थापना की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि अनुसूचित जाति समुदाय के सभी लोग एकजुट होकर शिक्षा ग्रहण करें और अन्य समुदाय के लोग मानसिक बदलाव लाएं। अगर अनुसूचित जाति समुदाय के लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर संघर्ष करें, तब ही महापुरूषों के सपनों को साकार किया जा सकता है।

अंबेडकर स्मारक स्थल पर मनी जयंती

छपरा। भारत रत्न संविधान निर्माता बाबासाहब डॉ भीम राव अम्बेडकर की 131वीं जयंती गुरुवार को अम्बेडकर स्मारक स्थल पर धूमधाम से मनायी गयी। इस दौरान हम इधर प्रेमियों ने अंबेडकर के समर्थन में जुलूस निकालते हुए जमकर नारेबाजी की। वही फूले अम्बेडकरी मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया गया। अजीत कुमार माँझी ने संबोधित करते हुए बाबासाहब के विचारों को साझा किया और उनके सपने को पूरा करने के उद्देश्य से उनके बताए रास्तों पर चलने की बातें कही। कई वक्ताओं ने बाबासाहब के मूल मंत्र ‘शिक्षित बनो, संघर्ष करो और  संगठित हो’ को एक सूत्रवाक्य की तरह उसपर अमल करने का आह्वान किया। इस मौके पर भारतीय विद्यार्थी मोर्चा की तरफ से गणमान्य व्यक्तियों को सम्मनित भी किया गया।  मोर्चा के महासचिव चंद्रप्रकाश राम अध्यक्ष दीपू कुमार माँझी आदि ने अंगवस्त्र व बुके प्रदान कर सम्मनित किया। कार्यक्रम को जिप अभियंता डी एन दत्ता, भगवान राम, ईश्वर राम, व्यास माँझी,सिकंदर राम, लक्ष्मण राम, अजय माँझी, चंद्रमा मांझी, जिलानी मोबिन बालमुकुन्द चौहान, सत्यप्रकाश यादव, डॉ लालबाबू यादव, डॉ मेराज आलम, चन्द्रशेखर कुमार, ममता कुमारी, मंजू मानस, नजमुल्ला खान, दिनेशचंद्र, अमर राय, आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर अनिल दास, हवलदार माँझी, संगीता कुमारी, रेखा देवी, अनन्या, सुनीता कुमारी, कुसुम देवी, अखिलेश कुमार, विक्की बैठा, अरविंद पासवान, संतोष कुमार आदि उपस्थित रहे। जयंती समारोह का संचालन अधिवक्ता अनिल कुमार माँझी ने की जबकि धन्यवाद ज्ञापन अजित कुमार माँझी ने दिया।

बाबा साहब जातिवाद से मुक्त आर्थिक दृष्टि से समृद्घ भारत का सपना देखा था

भारत रत्न महान समाज सुधारक बाबा भीम राव अम्बेडकर के131 वी जयंती अमनौर के सूरज सावरिया आईटीआई के परिसर में समारोह पूर्वक मनाई गई। जहां कार्यक्रम से पहले भव्य शोभा यात्रा अर्जुन राम, पूर्व जिला पार्षद अमरेंद्र बैठा, नीरज शर्मा, राजेन्द्र राम,सरपंच रणधीर कुमार के नेतृत्व में निकाली गई। इस दौरान अंबेडकर वादियों में अंबेडकर के समर्थन में जमकर नारेबाजी की एवं बाबासाहेब के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। प्रखंड के दर्जनों गांव हजारों की संख्या में आये भीम प्रेमियों ने हाई स्कूल अमनौर के क्रीड़ा मैदान में एकत्र होकर वहां से मार्च किया। इस दौरान बाबा साहब व महात्मा बुद्ध के तैल चित्र के साथ सभी हाथों में नीला झण्डा लिए हुए थे। बाबा साहब के समर्थन में नारेबाजी से पूरा अमनौर गुंजयमान हो रहा था। सभी नारा लगा रहे थे जबतक सूरज चांद रहेगा बाबा साहब तेरा नाम रहेगा, बाबा साहब अमर रहे, संविधान की रक्षा कौन करेगा, हम करेंगे हम करेंगे, जो संविधान विरोधी है वह देश विरोधी है। शोभा यात्रा अमनौर बाजार होते हुए बलहा होकर सूरज सावरिया आईटीआई में पहुँच सभा मे तब्दील हो गया।

नारी मुक्तिदाता, शोषितों के भाग्य विधाता और ज्ञान के प्रतीक है डाॅ. अंबेडकर: एसडीएम 

मढौरा एसडीएम योगेंद्र कुमार ने कहा कि बाबा साहब एक महान पुरुष थे। भारत रत्न के साथ बोधिसत्व नारी मुक्तिदाता, शोषितों के भाग्य विधाता, ज्ञान के प्रतीक थे। इनका सपना था भारत जाति मुक्त हो,औधोगिक राष्ट्र बने,सदैव लोकतांत्रिक बना रहे,दुर्भाग्य है लोग बाबा साहब को एक दलित नेता के रूप में जानते है।बाबा साहब बचपन से ही जाति प्रथा का खुलकर विरोध किया था।एएसडीएम नलिन प्रताप राणा ने कहा कि बाबा साहब जाति वाद से मुक्त आर्थिक दृष्टि से सिदृढ़ भारत का सपना देखा था।आज के दिन संकल्प लेने का दिन है, उनके मार्ग का अनुशरण करने का,साथ ही संबिधान का पालन करने व इसकी रक्षा करने का।इस मौके पर मुख्यरूप से मुखिया सत्येंद्र राम,मुखिया प्रतिनिधि दिलीप साह, कोरेया मुखिया प्रतिनिधि नागेश्वर चौहान,बीडीसी प्रतिनिधि बिकाश कुमार समाजसेवी पंकज यादव,बीडीसी लाल मोहन राम,नगरजीत कुमार,पिन्टू राम,समेत हजारों अंबेडकर अनुयायी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य अम्बिका राय ने किया। अर्जुन राम व अमरेंद्र बैठा ने एसडीओ व एएसडीएम को बाबा साहब के तैल चित्र संविधान के किताब एक कलम देकर समानित किया।

बाबा साहेब के बताये रास्तों पर चलना और गांव -गांव तक उनके शिक्षाओं को प्रचारित – प्रसारित करना ही सच्ची श्रद्धांजलि – डाॅ. रजनीश कुमार

मढ़ौरा। इस्लामिया उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज, ओल्हनपुर प्रांगण में प्राचार्य राजेश्वर राय की अध्यक्षता में  विद्यालय शिक्षकों और छात्र – छात्राओं के द्वारा भारतीय संविधान के रचयिता भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर की 131 वीं जयंती पर उनके तैलचित्र पर पुष्प माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर स्थानीय मुखिया शोहराब अली ने बताया कि बाबा साहब के आदर्शों पर चलकर ही वास्तविक जीवन और समाज में प्रगति और शांति पाई जा सकती है। इस मौके पर  विद्यालय शिक्षा-प्रेमी बाहजाद खां ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन से आज के युवाओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक शमसाद आलम, पवन कुमार भक्त, मो. मंसुर आलम , अरूण पराशर , सुधीर मिश्रा,रौशन कुमार, रोहित कुमार झा, पप्पू कुमार, शैलेन्द्र कुमार दास , तौहीद आलम ने अपने-अपने विचार से बाबा साहेब से जीवनी , कार्य, उपलब्धि  सहित उनके संपूर्ण जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। ममता कुमारी,साक्षी कुमारी , तरन्नुम जहां,दीपक कुमार,परवेज आलम , अशरफ़ कुरैशी, अशोक कुमार जैसे अनेकों छात्र-छात्राओं ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर सैकड़ों छात्र -छात्राओं के साथ अनेकों ग्रामीण भी मौजूद थे। मंच का संचालन विद्यालय के +2, शिक्षक डा. रजनीश कुमार ने बेहद ही खूबसूरती से किया ।

बाबासाहेब के सपनों को शिकार करने के लिए विकास मित्र करे कार्य : जिलाध्यक्ष

विकास मित्र संघ के जिलाधक्ष कृष्णा राम ने सभी विकास मित्रों को बाबा साहब के बताए मार्ग को अनुसरण करने की अपील करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति समाज के लोग शराब का सेवन नहीं करें, शिक्षित बनें, झुठ नहीं बोलें, गलत कार्य नहीं करें और गलत करने वाले का सहयोग नहीं करें तथा संगठित होकर अंधविश्वास, सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए संघर्ष करें, तब हीं सामाजिक समानता आ सकती है। राजद नेता कर्मवीर भारती ने कहा कि समाज को जागरूक कर सामाजिक समानता के लिए प्रेरित किया और कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार हो जो किसी भी ताले को खोल सकता है।

अंबेडकर ने समाज में व्याप्त उच्च-नीच, भेदभाव को समाप्त करने के लिए आजीवन संघर्ष किया

सरपंच देवेंद्र राम गरखा के युवा नेता मनोहर राम ने कहा  कि डॉक्टर अंबेडकर ने समाज में व्याप्त उच्च-नीच, भेदभाव को समाप्त करने के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे संविधान के बदौलत सामाज में शोषण करने वाले के खिलाफ आवाज बुलंद किया। जयंती समारोह में वक्ताओं ने कहा की आजादी के 70 साल बाद भी समाज में भेदभाव अभी भी बरकरार है। देश के कई राज्यों में अनुसूचित समाज के शादी समारोह में दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया जा रहा है। हाल ही में ऐसा मामला आया है कि एक दलित समाज की बरात में दूल्हा घोड़ी पर बैठकर निकला तो अन्य समुदाय के लोगों द्वारा विरोध किया गया। जिसे शांत करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। ऐसी स्थिति में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जातीय भेदभाव का प्रारूप केवल चेंज हुआ है। लेकिन खत्म नहीं हुआ है वर्तमान परिवेश में भेदभाव पहले की अपेक्षा और भी खतरनाक तरीके से लागू है। उन्होंने कहा कि देश में 2014 में भाजपा की सरकार बनी है तब से लेकर अभी तक अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर अत्याचार के मामले भी बढ़े है। जब चुनाव आता है तो अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों से राजनीतिक दलों के नेता लोक लुभावने वादे करते हैं जब वे चुनाव जीत जाते हैं तो सदन में बैठकर अनुसूचित जाति के अधिकारों की कटौती करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने कहा था की अनुसूचित जाति समाज के पढ़े लिखे लोगों ने ही सबसे ज्यादा धोखा दिया। आलम यह है कि आज के समाज में जो लोग पर लिखकर अच्छी नौकरी पकड़ लेते हैं तो बाबा साहब, ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुषों के उपदेश और समाज के प्रति कर्तव्यों को भूल जाते हैं। और जब उनके साथ किसी तरह का भेदभाव या कोई करवाई होती है तब उसे उन्हें बाबा साहेब के उपदेश याद करते हैं और समाज को खोजने लगते हैं। ऐसे लोगों के कारण ही समाज में अभी भी समानता नहीं आ पाई।