राष्ट्रनायक न्यूज।
पानापुर (सारण)। बीते गुरूवार की रात पानापुर थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में कुछ लोगों की पिटाई से घायल दलित युवक की बुधवार की रात पटना में इलाज के दौरान मौत मामले में शुक्रवार को जिला कल्याण पदाधिकारी कौशल किशोर पासवान तथा अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण के नोडल पदाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने मृतक के परिवार से मिल उनको सांत्वना दिया साथ ही मृतक के परिवार को तत्काल मुआवजा देने के लिए सदस्यों का भौतिक सत्यापन किया। जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति कल्याण विभाग के सचिव द्वारा निर्देश प्राप्त है कि यदि आपके जिले के किसी भी अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति समुदाय के लोगों पर हत्या, दुषकर्म, अत्याचार या उत्पीड़न होने के तहत केस दर्ज होता है तो जिला स्तरीय बनाई गई टिम को पीड़ित परिवार का तत्काल भौतिक सत्यापन कर 24 घंटे के अंदर उनको मुआवजा देना का प्रवधान है। वहीं मेडिकल रिर्पोट एवं एफ आई आर की रिर्पोट आने पर 50 प्रतिशत राशि दी जाती है। जिसको लेकर जिला कल्याण पदाधिकारी ने अपने टिम के साथ उक्त पीड़ित के घर गये थें। आपको बताते चले की मृत युवक सेमरी गांव निवासी उमेश राम का 19 वर्षीय पुत्र राजेन्द्र कुमार राम बताया जाता है। आपको बताते चले की मृतक के पिता उमेंश राम ने पानापुर थाने में अपने ही गांव के ग्यारह लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है। पिता के फर्द बयान के तहत बीते सोमवार की सुबह मेरे पुत्र राजेन्द्र कुमार राम को घर से बुलाकर ले गए एवं बंद कमरे में उसकी बेरहमी से पिटाई कर अगले दिन सुबह मेरे दरवाजे पर मरणासन्न अवस्था मे फेंक दिए। परिजन उसका पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थें जहां बुधवार की रात उसने दम तोड़ दिया।
एसीसी-एसटी पीड़ित को मुआवजा एवं पेंशन देने का क्या है नियम
अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लोगों पर अन्य समुदाय के लोगों द्वारा सार्वजनिक स्थलों या सड़क के किनारे तथा अन्य जगहों पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित करना, भेदभाव करना, मारपीट करने पर संबंधित थाने में शिकायत करने पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। वहीं अगर किसी अन्य समुदाय के लोगों द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के लोगों पर जातीय भेदभाव कर मारपीट करते हुए हत्या कर देने पर स्थानीय थाना पुलिस कार्रवाई करती है। जिसका अनुशंधान करते हुए पुलिस कोर्ट में आरोप पत्र एवं केस डायरी जमा करती है। जिसकी एक प्रति पुलिस अधीक्षक को दी जाती है। ऐसे मामलों में हत्या के शिकार पीड़ित परिजनों को पेंशन एवं जातीय भेदभाव से पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए जिलाधकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को प्रतिवेदित किया जाता है। जिस पर जिलाधिकारी अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण समिति का बैठक कर पीड़ितों को मुआवजा एवं पेंशन देने के लिए आवश्यक निर्देश देते है। जिस पर पीड़ितों को पेंशन एवं मुआवजा दी जाती है।
हत्या होने पर पीड़ित परिजनों को मिलेगा पेंशन
शोषण की परिमाटी स्थापित करने वाले लोगों द्वारा अनुसूचित जाति- जनजाति समुदाय के लोगों पर अत्याचार करते हुए हत्या कर दिया गया है। ऐसे पीड़ित परिजनों के जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा पेंशन राशि दिये जाने का प्रावधान है। जिसके तहत जिले के विभिन्न थानों के करीब आधा दर्जन से अधिक पीड़ित परिजनों पेंशन राशि भुगतान किया जाएगा। जिसे भुगतान करने को लेकर जिला प्रशासन को कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार एक पीड़ित परिवार को करीब पांच हजार रूपये पेंशन एवं 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्रतिमाह दिया जाएगाइस पर जिलाधिकारी ने यथाशीघ्र सभी पीड़ित परिवारों को पेंशन राशि भुगतान करने का निर्देश दिया है।


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