संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियपुर (सारण)। सिविल सर्जन सारण के निदेश पर शनिवार को बनियापुर मुख्य बाजार एवं इसके इर्दगिर्द संचालित आधा दर्जन से अधिक नर्सिंग होम की जांच की गई। जांच दल में रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अरुण प्रकाश गुप्ता, बीडीओ कर्पूरी ठाकुर, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक राममूर्ति एसआई राधामोहन पंडित आदि शामिल थे। हालांकि जांच दल के आने की भनक लगते ही ज्यादातर नर्सिंग होम संचालक मुख्य दरबाजे पर ताला लगाकर फरार हो गए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी श्री गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले जांच दल मुख्य बाजार के कुबेर अल्ट्रासाउंड पहुँची। जहाँ चिकित्सक नदारत पाए गए।वही जांच के क्रम में काफी अनियमितता पाई गई। साफ-सफाई की भी व्यवस्था ठीक नही दिखी। पीने के पानी से लेकर शौचालय तक कि स्थिति दयनीय रही। वहीं जांच दल बगल में ही प्रकाश सेवा सदन में पहुँची तो न तो कोई चिकित्सक उपस्थित थे,न ही कोई नर्स उपस्थित थी। जबकि बाहर बोर्ड पर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ सहित चिकित्सको की लंबी-चौड़ी सूची लिखी हुई थी। इसके उपरांत राज सेवा सदन कन्हौली, जीवन ज्योति हॉस्पिटल कन्हौली, सहित आधा दर्जन क्लीनिकों की जांच के लिये जांच टीम पहुँची मगर सभी क्लीनिकों में ताले लटके मिले।स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा होती रही कि इन नर्सिंग होम के मुख्य द्वार पर पुरुष और महिला डॉक्टरों की डिग्रियों की लंबी- चौड़ी सूचि के उल्लेख के साथ तमाम सुविधाओं की जानकारी दी जाती है। जबकि जांच के नाम से ही ताला लगाकर चिकित्सक फरार है। चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को सौंपी जाएगी।
झोला छाप डॉक्टरों का फैला है, जाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्य बाजार बनियापुर में ही आधा दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम चल रहे है। जबकि दूर- दराज के इलाकों में ऐसे दर्जनों नर्सिंग होम संचालित है।जिनकी कोई प्रमाणिकता नही है। इन नर्सिंग होम में न तो मान्यता प्राप्त डॉक्टर है,न् ही प्रशिक्षित नर्स है। जो लोगों के लिये नीम हकीम खतरे जान साबित हो रहा है।वही इन अवैध संचालकों पर लगाम लगाने को लेकर मेडिकल विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं प्रशासन के द्वारा कारगर कदम नही उठाये जाने से इन लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है।कुछ लोगों ने नाम नही छापे जाने के शर्त पर बताया कि इन अवैध संचालकों का जाल दूर तक फैला है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के निचले स्तर के कई कर्मी शामिल है।ये लोगों भोलेभाले लोगोें को बहला- फुसलाकर इन नर्सिंग होम तक पहुँचाते जाता है। जहाँ मरीजों को बरगलाकर मोटी रकम की उगाही की जाती है। जहाँ कार्य के अनुसार सबके लिये कमीशन तय की गई है।
गलत इलाज से कई लोगों की जा चूकि है, जान
अवैध नर्सिंग होम में कार्यरत झोला छाप डॉक्टरों की कारगुजारियों की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। मगर अबतक इनलोगों की कार्यशैली में कोई सुधार नही हो सका है। इस दौरान कई मामलों में बनियापुर और सहाजितपुर थानों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चूंकि है। बावजूद इसके अवैध नर्सिंग होम का कारोबार फल-फूल रहा है।गत 07 फरवरी को भी इसी तरह का मामला बनियापुर थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसमें पीड़ित थाना क्षेत्र के चतुर्भुज छपरा गांव निवासी जलेश्वर साह ने बनियापुर स्थित आयुष सेवा सदन के चिकित्सक के द्वारा गलत इलाज की वजह से गर्भावस्था के दौरान अपनी बहू निकेता की मौत का आरोप लगाया था। जिस मामले में मरीज के परिजन से मोटी रकम वसुलने की भी बात कही गई थी।
फ़ोटो (नर्सिंग होम की जांच करते पदाधिकारी)।


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