राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा/दिघवारा (सारण)। जिले के दरियापुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मटिहान की स्थिति इतनी भयानक है कि बच्चे इस कड़ी धुप में भी बिना छत के बैठने पर बजबूर होकर पढ़ने को विवश हैं। सरकार की कथनी और करनी का सीधा उदहारण यह विद्यालय है। जहां पिछले दो सालों से करीब डेढ़ सौ बच्चे खुले छत में धुप हो या ठंड पढने को मजबूर हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुमार शैलेश सिंह ने बताया कि प्रखंड के पुराने सरकारी विद्यालयों में इस विद्यालय की पहचान है। जिसका जमीनी अभिलेख उपलब्ध नहीं होने के कारण गांव के ही कुछ दबंगों का जमीन होने का दावा किया जाता है जिसके कारण वर्ग एक से पांच तक के बच्चें सिर्फ एक ही कमरे को दो भागों में विभाजित कर पठन पाठन का कार्य किया जाता था। पिछले साल आए तुफान में खपरौल छत पुरी तरह ध्वस्त हो गया। जिसकी लिखित जानकारी विद्यालय प्रधान कुमार शैलेश के द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दरियापुर को घटना के समय ही दे दी गई लेकिन अभी तक विभाग एवं स्थानीय प्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस निदान नहीं किया गया। जबकि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी छपरा द्वारा भी औचक निरीक्षण इस विद्यालय का किया जा चुका है। इस विषम परिस्थिति में भी चारों शिक्षक बिना छत के विद्यालय में बच्चों के पठन-पाठन करने पर मजबूर हैं साथ ही प्रधानमंत्री पोषण योजना को खुले सेड मे चलाने को विवश हैं। शिक्षक नितेश कुमार ने बताया कि विद्यालय की छत नहीं होने के कारण पठन-पाठन में परेशानियों के साथ बच्चे कम आते हैं जो चिन्ता का विषय है। शिक्षिका लवली सिंह ने कहा कि इस विद्यालय में अधिकांश बच्चें गरीब और समाज के नीचे तबके से आते हैं जिसे पढ़ने के साथ खाने की भी परेशानी है इसलिए विभाग को यथाशीघ्र समस्या को दूर करनी चाहिए।


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