संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। जमीन विवाद में मारपीट,तोड़फोड़ और हत्या वर्तमान समय मे आम बात हो चूंकि है।गत बुधवार को जमीनी विवाद में एक तरफ बनियापुर थाना क्षेत्र के मिश्कारी टोले में पट्टीदारों ने 22 वर्षीय युवक याकूब अली की गोली मारकर हत्या कर दी,तो दूसरी तरफ सहाजितपुर थाने के मेढुका कला में अधेड़ विन्दा राय की गांव के ही लोगों ने पीट-पीट कर जान ले ली।इस बीच दोनों घटनाओं में दोनों पक्षों द्वारा स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दर्जनों लोगों को नामजद भी किया गया।जिसके कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।मगर विवादों को शांतिपूर्ण माहौल में किस तरह से निबटारा किया जाय ताकि हिंसक घटनाओं से लोगों को निजात मिल सके बड़ा सवाल है। मकड़जाल की तरह उलझे व नासूर बन चुके भूमि विवादो से आये दिन कही न कही धरती लाल हो रही है।जबकि हमेशा मारपीट की घटना घटती रहती है।जमीन विवाद में ही कई हत्या का मामला सामने आया है।थाना से लेकर कोर्ट तक भूमि विवाद के मामले की भरमार है।थानों में दर्ज होने वाला 70 प्रतिशत मामले की जड़ में कही-न-कही भूमि विवाद की वास्तविक कारण रहता है।
नहीं सुलझ रहे भूमि विवाद के मामले:
अनुभवी लोगों की माने तो भूमि विवादों के निराकरण के लिए कोई माकूल व्यवस्था नहीं है।हालांकि दिखावे के लिये प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक कुछ व्यवस्था की गई है।मगर नतीजा शून्य है।भूमि विवाद में उलझे लोगों की माने तो पुलिस से लेकर प्रशासन तक का इस मामले में टालू रवैया रहता है। जब कोई बड़ा हादसा होता है,तो प्रशासन की नींद टूटती है और फिर शुरू होता है बयानबाजी का दौर।मामला ठंडा पड़ते ही प्रशासन फिर पुराने रवैया पर काम करना शुरू कर देती है।
अंचल कर्मचारी भी फंसाते हैं, पेंच:
भूमि विवादों को बढ़ाने तथा हवा देने में अंचल कर्मचारियों की कारगुजारी भी अक्सर उजागर होते रहता है।कई बार कर्मचारी एक ही भूखंड का दो-दो व्यक्तियों का नाम से रसीद काट देते हैं।भूखंडों के दाखिल खारिज में खूब खेल होता है।रसीद काटने पर एक ही भूखंड पर दो-दो व्यक्ति दावा करने लगते हैं और मामला बढ़ने लगता है।फिलवक्त भूमि की बढ़ती कीमतें, कम समय में लाखों की कमाई का जरिया बन गया है।कीमतों की बढ़ने से भूमाफिया इस ओर आकर्षित हुए हैं।भूमाफिया भूमि के वास्तविक मालिक के दूर के रिश्तेदार,सगे-संबंधियों को थोड़ी लालच दे जमीन रजिस्ट्री करा भूखंडों पर विवाद खड़ा कर देते हैं।भूमि विवाद बढ़ने का मुख्य कारण जमीन की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी भी एक कारण बताया जाता है।
प्रत्येक शनिवार को लगता है जनता दरबार:
भूमि विवाद के निपटारे को लेकर सरकार के निर्देश के बाद जिले के विभिन्न थानों में सीओ और थानाध्यक्ष की उपस्थिति में स्थानीय स्तर पर भूमि विवाद का निपटारा किया जाता है। इस बाबत थाना परिसर में दोनों पक्ष की मौजूदगी में सुनवाई भी की जाती है।मगर कई मामलों में सुनवाई सफल नही हो पाती है।
बिगत के कुछ वर्षो की घटनाएं:
बिगत के कुछ वर्षो की घटनाओं पर नजर डाले तो गत 9 मई 2021 को मझवलिया नहर पुल के समीप गंडक प्रोजेक्ट के अंदर दो लोगो की गला रेत कर हत्या करने का मामला प्रकाश मे आया था।वही 11 अप्रैल 2020 को बेरुई उतर टोला में जमीनी विवाद मे एक वृद्ध की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।गत 17 दिसम्बर को भूमि विवाद में बरैठा गांव में भी एक हत्या हुई थी। 19 जून 2019 को हरपुर मिश्र टोला में भी जमीनी विवाद में एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।


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