सीवन में कार्यरत मशरक के सरकारी चिकित्सक निकले कोरोना पाॅजिटिव, पैतृक गांव के टोले में हड़कंप
- बेगछपरा गांव में तीसरी बार फूटा कोरोना बम, आधा दर्जन पाॅजिटिव
पंकज कुमार सिंह। मशरक
सिवान जिले के बसंतपुर पीएचसी में कार्यरत चिकित्सक की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने और जिले से आयी एम्बुलेंस टीम ने उन्हें इलाज के लिए पटना ले जाने की खबर से चिकित्सक के पैतृक गांव के टोले मशरक बड़हिया टोला में हड़कंप मचा हुआ है। जिसे देखो वह सोचने पर मजबूर हो गया है कि अब क्या होगा। कोरोना वायरस संक्रमण के गिरफ्त में पहले से ही बेगछपरा गांव फसा हुआ है, जहां से एक-एक करके पांच मरीज कोरोना पाॅजिटिव निकले थे, पर बाद में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आयी। जिससे गांव वालों ने राहत की सांस ली पर शुक्रवार की दोपहर गांव में आधा दर्जन लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आने से हड़कंप मच गया। कुछ दिन पहले ही 99 व्यक्तियों का सैंपल संग्रह कर जांच के लिए गया है जिसमें 6 व्यक्ति की रिपोर्ट पाॅजिटिव आया। जिससे लगा कि कोरोना का संक्रमण अब गांव में फैल गया है। आपको बता दें कि पहले ही इसुआपुर थाना क्षेत्र के सहवा गांव निवासी कलकता से सीधे बेग छपरा गांव में शादी मे आया था। जिसकी तबीयत बिगड़ी तो जांच में कोरोना पाॅजिटिव निकला। उसके बाद गांव में कैम्प लगाकर जिले से आयी मेडिकल टीम ने 76 लोगों का जांच की थी। जिसमें चार लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव निकला, फिर उसके बाद स्वास्थ्य जांच टीम ने 99 लोगों का जांच सेम्पल लिया जिसमें शुक्रवार को आधा दर्जन लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव निकला, जिससे गांव में हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार की शाम में ही जिले से आयी एम्बुलेंस ने आधा दर्जन लोगों को छपरा ले गयी। वहीं बगल के टोले के प्रसिद्ध हार्डवेयर प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर के चिकित्सक पुत्र कोरोना पाॅजिटिव निकले। जिससे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है, जिसको देखो वो कोरोना से डरा हुआ है। वैसे बता दें कि मशरक बाजार अवस्थित प्रसिद्ध हार्डवेयर व्यवसायी के चिकित्सक पुत्र सिवान जिले के बसंतपुर पीएचसी में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं, जहां बसंतपुर में पिछले दिनों कोरोना वायरस का बम धमाके से फूटा था, जिसमें दर्जनों लोग संक्रमित हुए हैं। जिसके बाद जिले से आयी जांच टीम ने 13 जुलाई को कुमकुमपुर पंचायत भवन पर 115 संदिग्धों का सैंपल लिया गया था। जिसमें 11 लोगों का जांच कोरोना पाॅजिटिव सामने आया। जिसमें जानकीनगर बाजार के 8 और 3 अधिकारियों व कर्मचारियों शामिल हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सेवाएं बंद कर दी वही महिलाओं की डिलेभरी सिवान सदर अस्पताल भेजने की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य कर्मियों में फैला कोरोना वही किसी रोगी देखने के क्रम से चिकित्सक में संक्रमण का अदेशा है। वैसे सरकारी चिकित्सक का यात्रा इतिहास बहुत ही छोटा हैं वे बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से जीवनयापन करने में विश्वास करतें हैं उनको अपनी ड्यूटी के लिए मशरक से बसंतपुर पीएचसी जाने के लिए प्रतिदिन बुलेट मोटरसाइकिल से एस एच-73 होकर आते जाते हैं यहां उनका स्थानीय लोगों से बहुत ही कम मिलना जुलना है। वैसे उनसे मिलने वालो की बात की जाएं तो बाजार के ही इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी के पुत्र, पान दुकानदार और पास के ही चाय दुकानदार के साथ साथ महावीर चौक बस स्टैंड अवस्थित पान गुटखे के दुकानदार से उनका सम्पर्क का अंदेशा जताया जा रहा है, पर उनके परिजनों ने बताया कि चिकित्सक अलग मकान में अकेले ही रहते हैं उनकी पत्नी अपने दो लड़कियों के साथ पटना रहकर उनकी पढ़ाई करवातीं हैं। जिससे उनका कोरोना काल में मिलना जुड़ना ना के बराबर है वे घर से सीधे बसंतपुर पीएचसी ड्युटी पर जातें थें और फिर वापस घर। उनका स्थानीय लोगों से मिलना जुड़ने का कोई यात्रा इतिहास नहीं लम्बा नहीं है। पर कोरोना वायरस संक्रमण के भय के कारण आसपास के लोगों में डर बना हुआ है। वही मशरक प्रखंड प्रशासन और स्वास्थय पदाधिकारियों को चाहिए कि इस मामले में जिला प्रशासन से मार्गदर्शन लेकर आसपास के कुछ लोगों का कोरोना वायरस जांच सैंपल यदि लेकर जांच कर दिया जाएं तो लोगों में बना भय दूर होता रहेगा। गुरूवार को देर रात्रि में जिले से आयी एम्बुलेंस से स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पटना ले गयी।


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