राष्ट्रनायक न्यूज

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वृक्षों की अवैध कटाई से पर्यावरण को नुकसान के साथ सरकारी राजस्व की भी क्षति होती है : सांसद रूडी

  • 101 पथों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया, संरक्षण के लिए कड़े कानून लागू

राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। पर्यावरण के दृष्टिकोण से सड़कों के किनारे पौधरोपण की परंपरा है। यह सदियों से चली आ रही है, लेकिन स्थानीय लोग अपनी जरूरत के हिसाब से इन पेड़ों को काट देते हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है बल्कि सरकारी राजस्व की भी क्षति होती है। उक्त बातें स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कही। इस बाबत कानून बनाने के उद्देश्य से सरकार को सारण के सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने कई बार लिखा था। अब राज्य सरकार इस मामले पर गंभीर हुई है। सारण से होकर गुजरने वाली 8 सड़कों के किनारे के वृक्षों को संरक्षित वन क्षेत्र कानून के अंतर्गत लाया गया है। वृक्षों की रंगाई का काम किया जा रहा है जिसके बाद इन नंबर भी डाला जायेगा। इस कारण अब सरकारी सड़कों के किनारे लगाये गये वृक्ष की अवैध कटाई नहीं हो सकती और इसके लिए सजा या जुर्माना हो सकता है। सांसद रुडी ने कहा है कि इसी तरह पूरे राज्य में सड़कों के किनारे विशेष वृक्षारोपण होना चाहिए और उनका संरक्षण कानून के अनुसार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे लगे वृक्षों का भी वनस्पति विविधता संरक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान है। सड़क के किनारे के ये वृक्ष जहाँ एक ओर सड़कों को सुरक्षा प्रदान करते हैं वही दूसरी ओर ये वृक्ष मार्गों पर चलने वालों को छाया व सुखद अनुभूति देते हैं एवं वाहनों से निकले प्रदूषण को भी नष्ट करते हैं।

वन क्षेत्र के किसी भी वृक्ष की कटाई होगी प्रतिबंधित

सांसद ने बताया कि संरक्षित वन क्षेत्र घोषित इन पथों के किनारे के वृक्षों को अब चुने या लकड़ी का कोयला जलाने, किसी भी प्रकार के निर्माण प्रक्रिया, वन क्षेत्र के किसी भी वृक्ष की कटाई, भूमि की कटाई आदि प्रतिबंधित होगा। अतिआवश्यक कार्यवश नियमानुसार ही वृक्ष की कटाई हो सकेगी। सांसद ने राज्य सरकार को जो पत्र भेजा है उसके अनुसार सभी वृक्षों की नंबरिंग होनी चाहिए और इसका एक डाटाबेस या रिकार्ड संबंधित विभाग के पास होना चाहिए।

सड़क किनारे के वृक्षों को काटना अब होगा अपराध, सांसद रूडी की पहल पर सरकार गंभीर

वृक्षों की अवैध कटाई रोकने के सांसद ने संरक्षित वन क्षेत्र की श्रेणी में लाने के साथ राज्य सरकार को पथों के किनारे लगाये गये सभी वृक्षों को चिन्हित करते हुए उनपर उनकी एक संख्या अंकित कर उन्हें रिकॉर्ड में लाने की बात कही थी। जिससे किस पथ की दूरी कितनी है और कितनी दूरी पर कितने वृक्ष है इसकी जानकारी उपलब्ध रहेगी। भविष्य में यदि वृक्षों की अवैध कटाई होती है तो कानूनी कार्रवाई करने में आसानी होगी। राज्य सरकार ने सांसद की पहल को गंभीरता से लेते हुए इस पर कार्रवाई की और सारण से गुजरने वाले हाजीपुर से छपरा होते हुए सिवान, गुठनी पथ, छपरा, मांझी होते हुए दरौली गुठनी पथ, छपरा-सलेमपुर पथ, छपरा-मुजफ्फरपुर पथ, छपरा खैरा-सत्तरघाट पथ, छपरा, मढ़ौरा-अमनौर पथ, शीतलपुर-परसा मकेर पथ को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करते हुए वृक्षों के संरक्षण के लिए कड़े कानून लागू कर दिया

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