- जिला के सिकरिया के तीन पंचायतों के एक हजार 971 घर हैं शामिल
राष्ट्रनायक न्यूज।
जहानाबाद (बिहार)। कालाजार उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा घरों में कीटनाशक छिड़काव का काम किया जा रहा है. इसके तहत जिला के सिकरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत तीन पंचायतों में कीटनाशक छिड़काव कार्य प्रारंभ किया जा चुका है. इनमें पंडुई पंचायत के पिंजौर गांव, अमेन पंचायत के शाहपुर गांव तथा कलपा पंचायत का कलपा गांव शामिल है. इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे कार्य के तहत इन गांवों के एक हजार 971 घरों को शामिल किया गया है. इन घरों के 7 हजार 602 कमरों को सिंथेटिक पाराथाइराइड का छिड़काव किया जायेगा. छिड़काव कार्य 16 जून से प्रारंभ किया गया है जो 15 जूलाई तक चलेगा.
सिंथेटिक पाराथाइराइड का किया जा रहा छिड़काव:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ब्रज कुमार ने बताया जहानाबाद कालाजार प्रभावित जिला है. कालाजार उन्मूलन के लिए आईआरएस कार्यक्रम के तहत सिंथेटिक पाराथाईराइड का छिड़काव किया जाता है. बताया कि गरमी और बरसात के मध्य कालाजार के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है. बालू मक्खी मिट्टी वाले घरों की दीवारों, गौशाला तथा गंदी जगहों पर पाये जाते हैं. इन्हें रोकने के लिए साल में दो बार सिंथेटिक पाराथाइराइड का छिड़काव किया जाता है.
रोग को नहीं करें नजरअंदाज, कालाजार जानलेवा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ब्रज कुमार ने बताया कालाजार मादा सैंड फ्लाइ के काटने से होती है और यह एक जानलेवा बीमारी है. लंबे समय तक बुखार रहना, तिल्ली एवं जिगर बढ़ जाना, खून की कमी व वजन के घटने जैसे लक्षणों के साथ त्वचा का रंग काला पड़ जाता है. समय पर समुचित इलाज करा कर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है. जिले में कालाजार संभावित स्थलों की पहचान कर कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है. सदर अस्पताल में कालाजार के इलाज की व्यवस्था है. कालाजार के गंभीर मामलों में आवश्कता पड़ने पर इलाज के लिए बड़े स्वास्थ्य केंद्र भी रेफर किये जाते हैं।
घरों में छिड़काव को लेकर इन बातों का रखें ध्यान:
घरों में छिड़काव हो रहा है तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. छिड़काव से पूर्व घरों की अंदरूनी दीवारों में मौजूद छिद्र को बंद कर दें. घर के सभी कमरों की दीवारों पर छह फुट तक छिड़काव कराया जाना चाहिए. कीटनाशक के छिड़काव के दो घंटे बाद घर या कमरे में जायें. छिड़काव से पहले खाने की वस्तुएं, कपड़े व बरतन सहित अन्य आवश्यक सामान को हटा दिया जाना चाहिए ताकि भलीभांति छिड़काव किया जा सके. ध्यान रखें कि रसायन छिड़काव के तीन माह तक दीवारों का रंगरोगन या लिपाई पोताई न हो.
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