राष्ट्रनायक न्यूज

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पाबंदी: पानी की छोटी बोतल और पाउच पर पाबंदी रखने को ले सरकार का कड़ा रूख, थर्मोकोल के बर्तन की बिक्री पर भी जुर्माना

  • छापेमारी के लिए तीन टीम का किया गया है कार्यपालक पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित
  • प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने जारी किया निर्देश, नप ने अनुपालन कराने को कसी कमर

राष्ट्रनायक न्यूज।

सिवान। सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल से बने उत्पाद की बिक्री, उपयोग, निर्माण, आयात करना शुक्रवार से प्रतिबंधित हो गया। इसे लेकर शहर में नगर परिषद द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसका इस्तेमाल व बिक्री करनेवालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। नगर परिषद की टीम बाजारों से प्लास्टिक भी जब्त करेगी। इसके लिए कार्यपालक पदाधिकारी के नेतृत्व में तीन टीम बनाया गया है। जो प्रतिदिन भ्रमण कर छापेमारी करेगी और जुर्माना लगाएगी। छह माह पहले दिसंबर में पाबंदी की सूचना दी गई थी। जिले में कम उपयोगिता और ज्यादा कूड़ा पैदा करने वाली ऐसी करीब 19 वस्तुओं के निर्माण, भंडारण, आयात, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है। इन प्रतिबंधित वस्तुओं में स्ट्रॉ (पेय पदार्थ पीने वाला पाइप), स्टिरर ( पेय पदार्थ घोलने वाली प्लास्टिक की छड़), इयर बड, कैंडी, गुब्बारे जिसमें प्लास्टिक की छड़ लगी होती है, प्लास्टिक के बर्तन (चम्मच, प्लेट आदि), सिगरेट के पैकेट, पैकेजिंग फिल्म और साज सज्जा में इस्तेमाल होने वाला थर्मोकोल पर रोक लग गयी। इसके अलावा थर्माकोल से बने प्लेट, कप, ग्लास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, निमंत्रण कार्ड पर प्लास्टिक पैकिंग, प्लास्टिक के झंडे आदि उत्पादों पर रोक लगी है। इसका उपयोग करने वाले लोग कार्रवाई की जद में आएंगे।

प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने नियम बनाया

मिली जानकारी के अनुसार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इस आशय का निर्णय 16 जून को लेने के बाद 18 जून 2021 को इसका गजट प्रकाशित किया था। गजट प्रकाशन के 180 दिन बाद यानी 15 दिसंबर 2021 से उक्त चीजों के उपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, अब इसे एक जुलाई से लागू किया गया। सरकार ने यह निर्णय पर्यावरण की सुरक्षा और हो रहे जलवायु परिर्वतन की रोकथाम के लिए लिया है। इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने नियम बनाया है। जिला प्रशासन व संबंधित विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्लास्टिक से बढ़ता है प्रदूषण, शहर में चलाया जाएगा अभियान: राहुल

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल धर दूबे ने बताया की अब सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्णत: रोक रहेगी। प्लास्टिक कचरे से प्रदूषण बढ़ता है। इसके रोक लगाए जाने के बाद से तीन टीम का गठन किया गया है। जिनके द्वारा शहरी क्षेत्र में लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा।

प्लास्टिक थैला पर पहले से हैं प्रतिबंध:

सरकार ने प्लास्टिक थैला के इस्तेमाल पर 23 दिसंबर 2019 से पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। दुकानदार द्वारा अपने ग्राहकों को 50 माइक्रोन से कम मुटाई वाले पॉलीथिन में किसी तरह की सामग्री नहीं दिया जाना है। पॉलीथिन के उत्पादन, वितरण, व्यवसाय, भंडारण, विक्रय पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। अगर कोई व्यवसायी पॉलीथिन का इस्तेमाल करते पकड़े जाते हैं, तो उनपर पांच हजार रुपए और घरेलू उपयोग करते देखे जाने पर पांच सौ रुपयों तक अर्थ दंड लगाने का प्रावधान है। लेकिन, सीवान में कैरी बैग का इस्तेमाल खूब हो रहा है। पोस्टेबल कैरीबेग है विकल्प कम्पोस्टेबलकैरिबेग को बताया जा रहा है। इसके निमार्ण कंपनी में काम कर चुके कारीगर आलोक कुमार का कहना है कि साबूदाने व मक्का के स्टार्च से बनाए कैरी बैग छह माह की अवधि में खुद ही खत्म हो जाता है। पर्यावरण या पशुओं के लिए हानिकारक नहीं है। दुकानदार व ग्राहक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। राजेश कुमार, श्याम कुमार ने बताया कि प्लास्टिक के परत व थर्मोकोल वाले बर्तन के उपयोग बंद करने से आमजनों की परेशानी बढ़ेगी। वफ सिस्टम से खाना खिलाने वाले लोगों का खर्च बढ़ जाएगा। इसके लिए अब उन्हें बांस व मिट्टी के बर्तन का उपयोग करना पड़ेगा। लेकिन, यह महंगा होता है। हालांकि गरीब परिवार पेड़ के पत्तों से तैयार पत्तल का उपयोग कर सकेगा। उक्त लोगों ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से कुंभकार का कारोबार बढ़ जाएगा। अब उनका चाक तेजी से चलेगा।

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अच्छा

हालांकि सरकार के इस निर्णय से वैवाहिक कार्यक्रम व अन्य समारोह में उक्त चीजों का उपयोग करने वालों को भले ही थोड़ी परेशानी हो और आर्थिक बोझ बढ़े, लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह निर्णय बेहतर माना जा रहा है। हालांकि सरकार ने कैरी बैग के उपयोग व बिक्री पर भी रोक लगाई है। लेकिन, इसकी बिक्री व उपयोग सीवान के बाजार में खूब हो रहा है।