राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी (सारण)। मांझी के नंदपुर स्थित ब्रम्हविद्यालय परिसर से शनिवार को देश के विभिन्न जगहों से पधारे परमहंस प्रभुदयाल स्वामी जी के सैकड़ों अनुयायियों ने पदयात्रा निकाली। उक्त संत परम्परा के पंचम पीढ़ी के संत श्री सत्यानंद जी महाराज के नेतृत्व में निकाली गई समाधि शताब्दी वर्ष पदयात्रा में सैकड़ों महिला व पुरुष श्रद्धालु जयकारा लगाते तथा नाचते गाते छपरा के लिए रवाना हुए। पदयात्रा के पीछे पीछे दर्जनों लग्जरी गाड़ियां व बस आदि चल रहे थे। हाथों में बैनर लिए श्रद्धालु परमहंस दयाल स्वामी का जयघोष कर रहे थे। कई ट्रैक्टर पर सवार श्रद्धालु भजन व कीर्तन आदि गाकर पदयात्रियों का उत्साह वर्धन कर रहे थे। इससे पहले अहले सुबह माँझी के सीओ धनञ्जय कुमार तथा थानाध्यक्ष मो जकरिया पुलिस कर्मियों की निगरानी में पदयात्रा को रवाना कर कोपा तक पहुंचाया। फिर कोपा थाना पुलिस छपरा शहर तक पदयात्रा की निगरानी में लगी रही। पदयात्रा जिन गांवों से होकर गुजर रही थी उस रास्ते से सटे गांव के लोग कतार बद्ध तरीके से पदयात्रियों का स्वागत कर रहे थे। जगह जगह पदयात्रियों के लिए प्याऊ व शर्बत के स्टॉल लगाए गए थे। मालूम हो कि छपरा शहर के दहियावां में जन्में परमहंस स्वामी प्रभुदयाल जी का पालन पोषण उनके ननिहाल माँझी के नंदपुर में हुआ था। बाद में उन्होंने सन्यास ग्रहण कर लिया था। तथा वर्ष 1919 में एकीकृत भारत और वर्तमान में पाकिस्तान के टेरी नामक स्थान पर समाधिस्त हो गए थे। पाकिस्तान के टेरी में स्थापित उनके समाधिस्थल को कुछ वर्षों पूर्व आतंकियों ने नष्ट करने का असफल प्रयास किया था परंतु पाकिस्तान के न्यायालय ने उसपर संज्ञान लेते हुए पश्चिमी प्रान्त की सरकार को निर्देश जारी कर समाधिस्थल को महफूज रखने के उद्देश्य से कड़ा पहरा लगा दिया था। परमहंस प्रभुदयाल स्वामी का मुख्य आश्रम राजपुर बक्सर।बिहार। में स्थित है। तथा वर्तमान में देश में कुल 80 ब्रम्हविद्यालय सह आश्रम संचालित हो रहे हैं।


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