मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना। राष्ट्रनायक न्यूज।
दिघवारा (सारण)। भोजपुरी के शेक्सपियर स्वर्गीय भिखारी ठाकुर आज ही के दिन 10 जुलाई 1971 को इस दुनिया से विदा हुए थे। उनकी याद में उनकी पुण्यतिथि पर दिघवारा स्थित राम जंगल सिंह महाविद्यालय के प्रांगण में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनको याद किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक सचिव सह वर्तमान अध्यक्ष ,नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अशोक सिंह ने भिखारी ठाकुर के जीवन पर प्रकाश डाला एवं उनके द्वारा उस समय समाज के अंदर व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ अपने नाट्य मंचन से प्रहार को विस्तार से बताया, उन्होंने बताया कि कि भिखारी ठाकुर जी के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी आंदोलनकारियों को हमेशा सहायता पहुंचाया गया। उक्त दरमियान भी उन्होंने अपने नाट्य मंचन से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लोगों को जागृत करने का कार्य किया। उनके द्वारा समकालीन समाज के अंदर जो बदलाव का बयार बहाया गया उस पर आज भारत ही नहीं भारत के बाहर अनेक देशों में शोध किया जा रहा है एवं यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि यह कैसा व्यक्ति था। जिस के व्यक्तित्व इतना ऊंचा था। स्वर्गीय भिखारी ठाकुर जुग-जुग याद किए जाते रहेंगे। स्वर्गीय ठाकुर के चित्रपर माल्यार्पण करने वालों में कालेज के प्राचार्य अरुणेश सिंह, प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह, प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह, प्रोफ़ेसर कन्हैया सिंह, प्रोफेसर अखिलेश्वर कुमार,मनिंद्र नाथ सिंह मुन्ना,सुरजीत कुमार सिंह,मनोज कुमार सिंह,आलोक दुबे, सतीश चंद्र मिश्रा आदि शामिल थे।





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