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कन्हैया पर राजद्रोह के मुकदमे की मंजूरी चुनावी स्टंट, संवैधानिक संस्थाएं मोदी सरकार की बनती जा रही कठपुतली–एआईएसएफ

कन्हैया पर राजद्रोह के मुकदमे की मंजूरी चुनावी स्टंट, संवैधानिक संस्थाएं मोदी सरकार की बनती जा रही कठपुतली–एआईएसएफ

  • एआईएसएफ सारण ने शहर में आक्रोश मार्च निकाल, गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका

छपरा(सारण)। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन यानी एआईएसएफ के जिला इकाई ने संगठन के राज्य व्यापी आह्वान पर जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर एक षड्यंत्र के तहत राजद्रोह के मुकदमे चलाए जाने, संवैधानिक संस्थाओं को कठपुतली बनाने एवं दिल्ली दंगाइयों पर कार्यवाही नहीं करने के खिलाफ शहर में आक्रोश मार्च निकालकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंक रोष प्रकट किया।
इससे पहले छात्रों का एक जत्था नगरपालिका मैदान से हाथों में तख्ती लेकर गृह मंत्री अमित शाह मुर्दाबाद, कन्हैया तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, कन्हैया कुमार पर से मुकदमा वापस लो, दिल्ली दंगाइयों पर मामला दर्ज कर उचित कार्रवाई करो के गगनचुंबी नारों के साथ थाना चौक होते हुए नगरपालिका चौक पहुंचा। जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका गया।
पुतला दहन के बाद वहीं सभा हुई, सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय परिषद् सदस्या पिंकी कुमारी ने कहा कि कहा कि कन्हैया कुमार की बढ़ती लोकप्रियता, जन-गण-मन यात्रा की अपार सफलता से घबरा कर द्वेष से ग्रसित होकर कन्हैया कुमार के ऊपर झूठा मुकदमा चलाया जा रहा है। व्यापक जनांदोलन के दबाव में एनडीए शासित बिहार पहला राज्य है जहां एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। मुकदमे के 90 दिनों के चार्जशीट फाइल करना होता है। लेकिन केन्द्र सरकार के अधीन कार्यरत दिल्ली पुलिस ने 9 फरवरी 2016 के केस की चार्जशीट लगभग तीन साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले दाखिल किया। राजद्रोह के मामले में राज्य सरकार की अनुमति के बिना उस वक्त भी हड़बड़ी में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था और कोर्ट के फटकार के बाद मामले पर रोक लगी थी। जबकि आतंकियों के साथ देते पकड़े गए डीएसपी देवेंद्र सिंह पर राजद्रोह का मुकदमा नहीं किया गया।
वहीं राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने कहा कि तमाम संवैधानिक संस्थाओं को कठपुतली बनाने की आरएसएस व बीजेपी ने मंशा पाल रखी है। दिल्ली हिंसा पर सख्त तेवर दिखाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का मामले की सुनवाई से ठीक पहले तबादला कर दिया जाता है। दिल्ली में हिंसा फैलाने की दोषियों के ऊपर अब तक मामला दर्ज तक नहीं किया गया है, केंद्र सरकार पहले हत्या चोरी डकैती करने वाले को संरक्षण देती थी। अब हिंसा फैलाने वालों को संरक्षण दे रही है। वहीं दूसरी तरफ डॉ. काफिल खान का बेल होने के बावजूद उन्हें रिहाई से रोका गया। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों पर द्वेष से ग्रसित होकर उनके ऊपर झूठे देशद्रोह के मुकदमे किए जा रहे हैं।
कन्हैया कुमार के मसले में झूठे दावे की पोल खुलनी तय है। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है अंततः सत्य की जीत होगी। हम सारण के तमाम अमन- न्याय पसंद, धर्मनिरपेक्ष एवं वाम-जनवादी ताक़तों से सड़क पर उतर विरोध का आह्वान करते हैं।
इस मौके पर मुख्य रूप से अभिषेक सौरभ, अमन यादव, रूपेश कुमार यादव, नवजीवन कुशवाहा, परमेंद्र सिंह, गुड्डू यादव, सरफराज खान, इरफान अली, सद्दाम हुसैन, नीरज कुमार, बंटी कुमार, सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।

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