राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

मशरुम मैन इन्द्र मोहन सिंह की चौथी पुण्यतिथि आज

प्रो. अजीत कुमार सिंह/ मनींद्र नाथ सिंह मुन्ना। राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा/दिघवारा (सारण)। धरा जब जब विकल होती, मुसीबत का समय आता! किसी भी रुप में कोई महामानव चला जाता। जी हां आज से चार साल पहले कुछ ऐसा हीं हुआ था। 24 अगस्त 2018 को सारण के लाल मशरुम मैन इन्द्र मोहन सिंह को गोली लगी और सारण ही नहीं, बल्कि पुरे बिहार में सन्नाटा पसर गया। इस खबर बिहार के लोगों को झकझोर के रख दिया। यह आम खबर नहीं थी। इनकी मृत्यु कृषि के क्षेत्र में एक बडा नुकसान था। जिसकी कमी आज भी महसुस होती है। इन्होंने मशरुम के क्षेत्र में अपने संघर्षो को मात देते हुए जब बिहार के एक बडा मंच बिहार इनोवेशन फोरम पर जब कदम रखें, तो ये कह पाना मुश्किल था, कि आगे चलकर यह दिव्यांग शख्स बिहार के मशरुम मैन के रुप में जाना जाएगा। लेकिन मशरुम मैन की मेहनत और बिहार को रोजगार युक्त बनाने का अटूट विश्वास ही सैकडों भागीदारों में उस मंच पर उनको उन सब से उत्कृष्ट स्थान दिया। जब बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस मंच के जरीए एक लाख की धन राशि और शाल व प्रसस्ति पत्र आदि से सम्मानीत किया। उनके मशरुम के क्षेत्र मे इनोवेशन की खुब सराहना की। यह रोजगार का बडा माध्यम हो सकते थे। यह भनक (विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर) ओनो रुल को हो रही थी। जैसे ही ओनो रुल को मंच मिला। उन्होंने उद्घोषित अंदाज में मिस्टर इन्द्र मोहन सिंह से शुरुआत की और अपने निजी कोष से 5 लाख की धनराशि देने का आश्वासन दे दी। अब बिहार का नव निर्माण मशरुम मैन के जिम्मे था। उन्होंने मशरुम गुरु दयाराम के निर्देशन में बिहार के मास्टर ट्रेनर के रुप में उभरे। बिहार ही नही बल्कि दूसरे राज्यों में भी इन्होंने ट्रेनिंग दिया। आज उसके फलस्वरुप बिहार में सैकडों किसानों के पास करोडों का प्लांट है और आसपास के सैकडों परिवारों को रोजगार मिल रहा है। दुर्भाग्यवश यह है, मशरुम मैन इन्द्र मोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। इस कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता हैं। उन दिनों परिवार के लोगों के लिए संघर्ष बढ गया। लेकिन मशरुम मैन की पत्नी रीतु सिंह हार नहीं मानी। उनके लिए अपने पति का सपना साकार करना जरुरी है। शायद यही कारण है, मशरुम मैन की पत्नी अपने पति के सपनों के ऊपर जोडों से काम कर रहीं हैं और मलखाचक गांव में मशरुम की खेती करना जारी रखी हैं। इसमें उनके पुत्र अश्वनी प्रताप सिंह भी काफी सहयोग कर रहे हैं।

You may have missed