- क्षेत्रीय स्तर पर जिला और प्रखंड स्तर के पदाधिकारी वेबिनार में लेंगे हिस्सा
- 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को खिलायी जायेगी दवा
राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान सितंबर माह में चलाया जायेगा। 20 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जायेगा। 23 सितंबर को मॉप-अप दिवस आयोजित किया जायेगा। अभियान के तहत जिले में 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चे एवं किशोर-किशोरियों को कृमि नाशन के लिए अल्बेंडाजोल दवा खिलायी जायेगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जायेगा। 30 अगस्त को वेबिनार का आयोजन किया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। वेबिनार में जिला स्तरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति आवश्यक है। क्षेत्रीय एवं जिला स्तर से क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, प्रमंडलीय आशा समन्वयक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डीसीएम, डीएमएंडईओ, शिक्षा विभाग के डीईओ, जीविका के डीपीएम, आईसीडीएस के डीपीओ, प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, आईसीडीएस के सीडीपीओ शामिल होंगे।
1 से 19 वर्षीय सभी बच्चों को खिलायी जायेगी दवा:
अभियान के तहत जिले के सरकारी एवं निजी विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय सहित सभी तकनीकी (पॉलिटेक्निक आई० टी० आई आदि) गैर तकनीकी संस्थानों एवं आगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्षीय सभी बच्चों को कृमिनाशन हेतु अल्बेंडाजोल (400mg) दवाई खिलाई जाएगी।राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के द्वितीय चरण के शुरू होने से पहले अल्बेंडाजोल दवा की आपूर्ति ससमय जिला औषधि एवं जिलान्तर्गत स्वास्थ्य केंद्रों के औषधि भंडारण पर सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा जिलों को निर्देश दिया गया है।
उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं:
कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव होते हैं। इससे बच्चा कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन और उल्टी दस्त से परेशान रहता है। ऐसे में अभियान के माध्यम से जिले में कृमि संक्रमण से बचाव के लिए कृमि नियंत्रण की दवाई अल्बेंडाजोल की टैबलेट्स स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निःशुल्क दी जाएगी। किसी भी तरह की बीमारी होने पर बच्चे को अल्बेंडाजोल टैबलेट्स नहीं खिलानी है। यदि किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है।


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