पंकज कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
मशरक (सारण)। नगर पंचायत क्षेत्र और प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रविवार की रात छठ पर्व के अवसर पर कोशी भराई कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला छठ व्रतियों ने बताया कि जब भी किसी श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है, तब वह बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ छठ के तीसरे दिन शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर पर कोसी भराई की पवित्र परंपरा पूरी करता है. अर्थात मनोकामनाओं की पूर्ति के पश्चात व्रती कोसी भराई करती हैं। बता दें कि सूर्यषष्ठी की शाम अर्घ्य देने के बाद घर के आंगन या छत पर कोसी पूजन होता है. चारों तरफ से गन्ने के समूह से छत्र बनाकर लाल रंग के कपड़े में ठेकुआ, फल और केला रखकर गन्ने को छत्र से बांधा जाता है. गन्ने के छत्र के बीच में मिट्टी का हाथी रखा जाता है. जिसके ऊपर कोसी को मिट्टी के जलते हुए दीये और जलती हुई अगरबत्ती के साथ सजाया जाता है. फिर छठी मईया का गीत गाया जाता है. पूजा की इस प्रक्रिया में अधिकांशतः महिलाओं की भागीदारी होती है, हालांकि घर के पुरुष भी वहां मौजूद होते हैं।


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