- सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक स्वास्थ्य विभाग अपनी पहुंच बनाने में हो रहा कामयाब: सिविल सर्जन
- ज़िले के सभी ई-संजीवनी पोर्टल द्वारा शुरू की गई परामर्श सेवाएं: डीपीएम
- 532 ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से दी जा रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं: डीपीसी
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। राज्य सरकार के सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को टेलीमेडिसीन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत द्वारा सभी सिविल सर्जन को पत्राचार के माध्यम से निर्देशित किया है कि टेलीमेडिसीन (ई संजीवनी एवं ओपीडी) सेवा को प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाए। ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों तक स्वास्थ्य विभाग अपनी पहुंच बनाने में कामयाब हो सके। जिलों के सभी प्रखंडों में कम से कम दो स्पोक्स स्थापित किया जाए। जो ई-संजीवनी डॉट इन एवं ई-संजीवनी ओपीडी दोनों माध्यम से प्रतिदिन सुबह के 8 बजे से शाम के 4 बजे तक कार्यरत रह सके।
ज़िले के सभी ई-संजीवनी पोर्टल द्वारा शुरू की गई परामर्श सेवाएं: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में यह सेवा ई संजीवनी के माध्यम से प्रत्येक सोमवार, गुरुवार एवं शनिवार को तथा ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से प्रत्येक मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार को प्रातः 9 बजे से अपराह्न 2 बजे तक उपलब्ध है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग दिनों को इन सेवाओं के निर्धारित होने के कारण लाभार्थियों एवं स्वास्थ्य विभाग के बीच उलझन सी स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। जिस कारण इन दोनों प्रकार के सेवाओं का लाभ लेने से कुछ लाभार्थी वंचित रह जाते हैं।
532 ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से दी जा रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं: डीपीसी
डीपीसी निशि श्रीवास्तव ने बताया कि ज़िले में 38 हब एवं 494 स्पोक्स के माध्यम से सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक सैकड़ों मरीज़ों को ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श एवं निःशुल्क दवा का वितरण किया जाता है। अभी बदलते मौसम के कारण होने वाली बीमारियों से संबंधित सबसे ज़्यादा मरीजों की संख्या रह रही है। जिसको टेलीकंस्लटेंसी के द्वारा पदस्थापित चिकित्सकों एवं सीएचओ से संपर्क स्थापित कर उसका परामर्श दिया जा रहा है। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार मरीज़ों को दवा का वितरण भी संबधित चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जाता है। सबसे ज़्यादा बुख़ार, हाइपरटेंशन, सर्दी, खांसी, गठिया, ब्लडप्रेशर, सुगर सहित नवजात शिशुओं से संबंधित मरीजों की संख्या ज्यादा रही हैं।
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