छपरा(सारण)। भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. बीआर अंबेडकर की 66 वीं परिनिर्वाण दिवस शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। अंबेडकर रविदास महासंघ संघ के तत्वाधान में सदर प्रखंड के चनचौरा बाजार से सटे रामकोलवा चौक स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक स्थल पर मनाया गया। जहां सबसे पहले बाबा साहब के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। फिर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का देश के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शिक्षा, कानून सहित कई क्षेत्रों में अतुलननिय योगदान रहा है। इसलिए बाबा साहब को आधुनिक भारत के निर्माता भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब प्रकांड विद्वान थे। अधिवक्ता रामराज राम ने कहा कि दुनिया के इतिहास में डॉ. अंबेडकर करीब 64 विषयों पर मास्टर डीग्री हासिल किया था। इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने वर्ष 2011 में दुनिया में सबसे अधिक विषय में बाबा साहब द्वारा डीग्री हासिल करने की रिपोर्ट जारी किया था। वहीं अमेरिका के विश्वप्रसिद्ध कोलंबिया विश्वविद्यालय ने टॉप 100 विद्वानों में बाबा साहब को शीर्ष स्थान दिया। उन्होंंने कहा कि डॉ. अंबेडकर 1948 से मधुमेह से पीड़ित थे। 1954 में काफी बीमार हो गये थे। राजनीतिक मुद्दों की परेशानी बाबा साहब का स्वास्थ काफी बद से बदतर होता चला गया। इसके बाद छह दिसंबर 1956 को निधन हो गया। जिससे पुरा देश शोकाकुल था। संघ के अध्यक्ष रामलाल राम ने कहा कि बाबा साहब के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाना हीं सच्ची श्रद्धांजली होगी। और अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने के लिए सबको संकल्पित होना पड़ेगा तब ही समरस समाज की स्थापना हो सकती है। उन्होंने सारण पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि जिले में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है, लेकिन अत्याचारियों पर कार्रवाई करने में पुलिस विफल साबित हो रही है। पुलिस द्वारा एससी-एसटी एक्ट को रसूख के बल पर असत्य करने की साजिश रची जा रही है और कई मामले सामने आया है। सबसे ताजा उदाहरण है कि अनुसूचित जाति जनजाति थाना में एक साल में महज 18 केस दर्ज किया गया है, इनमें कोई केस को रसूख के बल पर असत्य किया गया है, जो पुलिस की दलित विरोधी कार्यशैली सामने आया है अगर पुलिस एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को असत्य करना बंद नहीं की तो आंदोलनात्मक रुख अख्तियार किया जाएगा। वहीं समाजसेवी शिवनाथ राम ने कहा कि आज बाबा साहब के संविधान के कारण ही बहुजन एवं महिलाओं को समाज में बराबरी का स्थान मिला है। वे देश में अनुसूचित जाति- जन जाति समुदाय के विकास के लिए 1932 में पूना संधी किया। डॉ. अंबेडकर 1951 में देश के पहले कानून मंत्री बने। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को समाज में समान अधिकार दिलाने के लिए हिन्दू कोड बिल लाया। जिससे उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा। इससे वे कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद देश के कई बड़े नेताओं के कहने पर पुन: कानून मंत्री बने। फिर हिन्दू कोड बिल सांसद में बहुमत से परित कर महिलाओं को समान अधिकार दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में इतिहास रचने वाले बाबा साहब को परिनिर्वाण के करीब 34 वर्ष बाद भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस मौके पर बिन्दा राम, प्यारचंद राम, अमरनाथ राम, रामबहादुर राम, जमदार राम जिला परिषद प्रतिनिधि लक्ष्मण राम, रीतलाल राम, समाजसेवी कमलेश यादव, सत्यदेव यादव, भोला राम, मानिकचंद दास, मालती देवी, मुकेश दास, शिव कुमार दास, मुखिया प्रतिनिधि गोपाल महतो, मुखिया सुगान्ती देवी, सुभाष राम, उपेंद्र राम, चंदन राम, विश्वनाथ राम, भूअर राम, ललन राम, मनोहर कुमार, रमेश राम समेत दर्जनों लोगों ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
बाबा साहब ने महिलाओं को दी समाज में समान अधिकार दिया
गड़खा। प्रखंड रामगढ़ा महादलित बस्ती में बाबा साहब डॉ. बीआर अंबेडकर का 66 वीं परिनिर्वाण दिवस ललन राम, किशोर राम, दशरथ राम की संयुक्त अध्यक्षता में समारोह पूर्वक मनाया गया। जिसमें बाबा साहब में तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बाबा साहब के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि बाबा साहब में देश के बहुजन एवं महिलाओं के कल्याण एवं समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। डॉ. अंबेडकर ने आम लोगों को शिक्षित बनकर भाग्यवादी के बजाये कर्मवादी बनने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं एवं बहुजनों को विकास नहीं होगा तब तक विकसित भारत नहीं बन सकता है। बाबा साहब ने वंचित समाज के लोगों के विकास के लिए लेबर पार्टी बनाया था। जिसमें महिलाओं को विशेष स्थान दिया है। साथ ही हिन्दू कोड बिल सांसद में पारित कर देश के महिलाओं को समाज में समान अधिकार देने का कार्य किया है। जिसे उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर उमेश राम, अमरनाथ राम, मनोहर राम, सुरेन्द्र राम, सतीश कुमार, आशुतोष कुमार, आलोक कुमार, योगेंद्र राम, राजेंद्र राम, हरेंद्र राम, प्रमोद राम, कर्मा राम सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
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