राष्ट्रनायक न्यूज

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रामायण का एक-एक प्रसंग जीवन को बहुत प्रेरणा देता है- मधुकर जी महाराज

राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया (सारण)। प्रखंड के भटगाई हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा सह हनुमन जयंती महायज्ञ के छठे दिन वाराणसी से आए प्रसिद्ध कथा वाचक पूज्य श्री मधुकर जी महाराज ने भगवान श्री राम के वनवास की कथा सुनाई। केवट प्रसंग में उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम को अपने भक्तों के आगे स्वयं विष्णु भगवान राम भी विवश हो जाते हैं। हों भी क्यों न जब भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से अपना सर्वत्र प्रभु के चरणों में अर्पित कर दें तो ऐसे भक्त की बात को भला कौन टाल सकता है। रामायण का एक-एक प्रसंग है, जो जीवन को बहुत प्रेरणा देता है। वह कौन था जिसने भगवान श्रीराम को एक पैर पर खड़ा रहने के लिए मजबूर कर दिया, बाद में देवों ने की पुष्प वर्षा भगवान राम की विनम्रता और सहजता का जितनी व्याख्या की जाए कम है। वे हर एक रूप में पूर्ण दिखाई देते हैं। पुत्र, भाई, राजा, सखा, पति और शिष्य कौन सा ऐसा स्वरूप है। जिसमें भगवान पूर्णता का अहसास नहीं कराते हैं। भगवान राम सभी रूपों में अनुकरणीय नजर आते हैं। भगवान राम जिनका अगले दिन राज्याभिषेक होना है और माता कैकयी उन्हें वनगमन का आदेश देती हैं। वे इसका चित मात्र भी दुख व्यक्त नहीं करते हैं और माता के आदेश का खुशी खुशी पालन करते हुए वनगमन के लिए प्रस्थान कर जाते हैं। यहां पर भगवान राम एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, जो व्यक्ति की महानता को प्रदर्शित करता है। भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनगमन के लिए जब प्रस्थान करते हैं तो उनकी भेंट केवट से होती है। केवट का संबंध भोईवंश से था और मल्लाह का काम किया करता था। रामायण में केवट का वर्णन प्रमुखता से किया गया है। केवट ने प्रभु श्रीराम को वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ अपने नाव में बिठा कर गंगा पार करवाया था। रामायण के अयोध्याकाण्ड में इस प्रसंग का बहुत खूबसूरत ढंग से वर्णन किया गया है। गंगा को पार करने के लिए प्रभु श्रीराम केवट को पुकारते हुए कहते हैं कि निषाद राज तनिक नाव को किनारे लाएं, पार जाना है। इस बात को रामायण की इस चौपाई के माध्यम से समझाया गया है।

मागी नाव न केवटु आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना॥
चरन कमल रज कहुं सबु कहई। मानुष करनि मूरि कछु अहई।।

मौके पर महाराजगज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, वरिष्ठ नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, बीडीओं कृष्ण कुमार सिंह, सीओं अंकु गुप्ता, थानाध्यक्ष महमद शोएब आलम, प्रशिक्षु दरोगा प्रवेश कुमार, सरपंच संघ के प्रदेश महासचिव सुनील कुमार तिवारी, अभिषेक कुमार सिंह उर्फ गुडु, अरविंद कुमार, उपाध्याय युवा नेता रंजीत सजीव चौबे, डॉ दिलीप सिह, कुमार संजीव रंजन, सरपंच नितेश सिह, आचार्य चंदन ओझा, हिमाशु मिश्रा, राकेश त्रिपाठी, सुकेश त्रिवेदी समेत अन्य लोग उपस्थित थें।