- चेतन छपरा मोड़ पर चल रहा है रामचरित मानस नवाह्न पाठ का 52 वां वार्षिक अधिवेशन
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। मानव जीवन की सार्थकता इसी में है,कि वह दूसरों के काम आए।यदि शक्ति और सामर्थ्य होते हुए भी व्यक्ति दूसरों की सहायता नही करता है तो वह पशु के समान है।उक्त बाते बाबा नगरी वाराणसी से पधारे पं. नीरज मिश्रा जी महाराज ने प्रखंड क्षेत्र के चेतन छपरा मोड़ पर रामचरित मानस नवाह्न पाठ के 52 वाँ वार्षिक अधिवेशन के पांचवे दिन कथा श्रवण को पहुँचे श्रद्धालु भक्तो को सम्बोधित करते हुए कही।महाराज जी ने प्रवचन के दौरान ‘परहित सरिस धर्म नही भाई’ की व्यख्या करते हुए कहा की अपने लिये तो सभी जीते है,पर दुसरो के लिये कितना जिया इसी से उसके जीवन की उत्कृष्टता का पता चलता है।परोपकार से मानव के अंतःकरण में पवित्रता के संस्कार संचित होते है।जो उसे शुभ गति प्रदान करते है।शुभ कार्य करने वाले का न तो विनाश होता है,न ही दुर्गति।ऐसे लोगो की परमेश्वर हर समय हर तरह से रक्षा करते है।कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बावजूद भी संतो के श्रीमुख से प्रवचन श्रवण को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यज्ञ समिति के सभी सदस्य यज्ञ को सफल बनाने में तन्मयता से जुटे है।
फ़ोटो(प्रवचन के दौरान मंचासीन नीरज मिश्रा जी महाराज)।
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