- चारों युगों और चारों वेदों में है,राम नाम का प्रभाव।
- रामचरित मानस नवाह्न पाठ में प्रवचन सुनने को लेकर जुट रही है,भक्तों की भीड़।
संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। वही व्यक्ति महान हो सकता है।जिसमे कोई कुव्यसन या कुप्रबृत्ति न हो।कुव्यसन से शरीर में दुर्बलता आती है और शारीरिक रूप से दुर्बल व्यक्ति सदा रोगी तथा आलसी बना रहता है।अतः धूम्रपान,मद्यपान आदि मादक पदार्थो से दूर रहना चाहिये।उक्त बाते विद्याभूषण जी महाराज ने प्रखंड क्षेत्र के चेतन छपरा मोड़ पर रामचरित मानस नवाह पाठ के 52 वाँ वार्षिक अधिवेशन के सातवें दिन प्रवचन श्रवण को पहुँचे श्रद्धालु भक्तो को सम्बोधित करते हुए कही।उन्होंने प्रवचन के दौरान बताया की राम नाम के जाप से जीवन के बड़े-बड़े संकट टल जाते है।तथा मनुष्य का जीवन सुखमय बन जाता है।चारो युगों और चारो वेदों में रामनाम का प्रभाव है।परन्तु कलियुग में इस मंत्र का विशेष प्रभाव है।अतः मनुष्य को सांसारिक कार्य करते हुए राम नाम का जाप करते रहना चाहिये।यज्ञ समिति चेतन छपरा द्वारा आयोजित नवाह पाठ के दौरान दोपहर और संध्या वेला में प्रवचन और पूजा-पाठ से आस-पास का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।जहाँ प्रतिदिन सैकड़ो को संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित हो संतो के श्रीमुख से प्रवचन श्रवण कर लाभ उठा रहे है।वही शीतलहर और कड़ाके के ठंड के बावजूद भी श्रद्धालु भक्त धार्मिक आयोजन को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे है।आयोजन समिति के सभी सदस्य यज्ञ को सफल बनाने को लेकर यज्ञ स्थल पर पूरी तन्मयता से जुटे हुए है।
फोटो(प्रवचन के दौरान मंचासीन विद्याभूषण जी महाराज)।


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