रुचि कमल सिंह सेंगर। राष्ट्रनायक न्यूज।
एकमा (सारण)। प्रशांत किशोर ने जनसुराज पदयात्रा के दौरान भ्रष्टाचार के सवाल का जबाव देते हुए कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी है समाज के स्तर पर सही लोगों का चुनाव। यदि आप 500 रुपये लेकर मुखिया चुनते हैं और फिर आप ये सोचते हैं कि वो आपका काम बिना कमीशन के करवा देगा तो ये मुमकिन नहीं है। दूसरा जनभागीदारी, बिहार के लोगों को पता ही नहीं है की उनके अधिकार क्या है जैसे कौन सी योजना है? मुखिया जी को कितना पैसा आया? प्रमुख के क्या कार्य है? और वार्ड सदस्य की क्या सीमा है? उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इन बातों की जानकारी है, लेकिन उनकी इसे सुधारने में कोई भूमिका नहीं है। इंदिरा आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किस को मकान मिलना चाहिए, बिहार में इसकी व्यवस्था 2001 तक थी। ग्राम सभा में सब लोग मिलकर ये तय करें कि किसको इसका लाभ मिलना चाहिए। लेकिन ग्राम सभा की व्यवस्था को खत्म करके उसकी जगह 4 अफसर लगा दिए हैं जो स्वभाविक तौर पर कमीशन ले रहे हैं। तीसरा है संसाधन और सत्ता का विकेन्द्रीकरण। आज के समय में बिहार में हर फैसला मुख्यमंत्री और उनके इर्द-गिर्द बैठे तीन-चार मंत्री और अफसर ही ले रहे हैं। पूरे बिहार में किस जगह किस व्यवस्था की जरूरत है, वो मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे चार अफसर तय कर रहें हैं तो सुधार कैसे होगा?
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